नई दिल्ली, एजेंसियां। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने आगामी विधानसभा चुनाव से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं।
महबूबा ने बुधवार को ऐलान किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी। हालांकि, उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती और पार्टी के दूसरे नेता चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं।
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन में पीडीपी को जगह नहीं मिली है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस समय जिस तरह के सियासी हालात हैं, उसे देखते हुए अगर वह मुख्यमंत्री बन भी जाती हैं तो अपनी पार्टी के एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पाएंगी।
इसलिए उन्होंने अपनी जगह पर बेटी इल्तिजा मुफ्ती को इस बार चुनावी मैदान में उतारा है।
महबूबा ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश होने का हवाला दिया। केंद्र शासित प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि सारे पावर उपराज्यपाल के अधीन रहते हैं।
लंबे इंतजार के होगा जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में दस साल के अंतराल के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। धारा 370 खत्म होने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के चलते जम्मू-कश्मीर की राजनीति में काफी बदलाव हो चुका है।
जम्मू-कश्मीर की सियासी स्थिति दिल्ली की तरह हो चुकी है, जहां पर मुख्यमंत्री से ज्यादा पावर उपराज्यपाल के पास है।
दिल्ली में केजरीवाल बनाम उपराज्यपाल के बीच सियासी टकराव लगातार जारी है। क्या यही वजह है कि महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा चुनाव लड़ने से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं या फिर उन्हें अपनी हार का डर सता रहा है।
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