कहा-कांग्रेस ने कच्चाथीवू श्रीलंका को दे दिया और डीएमके भी चुप रही
नई दिल्ली, एजेंसियां। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कच्चाथीवू की जमीन कांग्रेस ने श्रीलंका को दे दी। डीएमके यह सब जानते हुए भी चुप रही।
जयशंकर ने सोमवार को इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि ये ऐसा मुद्दा नहीं है, जो आज अचानक उठा है।
ये मसला संसद और तमिलनाडु में लगातार उठता रहा है, इस पर बहस हुई है। इस मसले पर मैंने मौजूदा मुख्यमंत्री को 21 बार जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और DMK ऐसा दिखा रही हैं कि उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है और यह अभी-अभी का मसला है। जबकि, उन्होंने ही इसे अंजाम दिया था।
जनता को ये जानने का अधिकार है कि 1974 में कच्चाथीवू को कैसे दे दिया गया। DMK लीडर और तब के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि को भी इस समझौते की पूरी जानकारी थी।
विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने इस मुद्दे पर उदासीनता दिखाई। कच्चाथीवू आईलैंड श्रीलंका को दे दिया गया, भारतीय मछुआरों के अधिकार छोड़ दिए गए।
जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे प्रधानमंत्रियों ने कच्चाथीवू को छोटा सा द्वीप और छोटी सी चट्टान कहा।
ये द्वीप 14वीं शताब्दी में एक ज्वालामुखी विस्फोट के बाद बना था। जो रामेश्वरम से करीब 19 किलोमीटर और श्रीलंका के जाफना जिले से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक RTI रिपोर्ट का हवाला देकर कहा था कि कांग्रेस ने भारत के रामेश्वरम के पास मौजूद कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था।
हर भारतीय इससे नाराज है और यह तय हो गया है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
इस RTI रिपोर्ट में बताया गया है कि 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को गिफ्ट कर दिया था।
प्रधानमंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा कि कांग्रेस पिछले 75 साल से भारत की एकता और अखंडता को कमजोर करने का काम करती आ रही है।
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