सरकारी खरीद 29% कम हुई
नई दिल्ली, एजेंसियां। गेहूं एक साल में 8% महंगा हुआ है। पिछले 15 दिन में ही कीमतें 7% बढ़ चुकी हैं, जो अगले 15 दिन में 7% और बढ़ सकती हैं।
दरअसल, गेहूं के सरकारी भंडारों में हर वक्त तीन महीने का स्टॉक (138 लाख टन) होना चाहिए।
मगर इस बार खरीद सत्र शुरू होने से पहले यह सिर्फ 75 लाख टन था। इससे पहले 2007-08 में 58 लाख टन रहा था यानी अभी यह 16 साल के न्यूनतम स्तर पर है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का असर
2023 में यह 84 लाख टन, 2022 में 180 लाख टन और 2021 में 280 लाख टन स्टॉक था। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनिया में गेहूं का सरकारी स्टॉक घटता जा रहा है।
हालांकि, सरकार अभी तक कुल 264 लाख टन गेहूं खरीद चुकी है, लेकिन सरकारी लक्ष्य 372 लाख टन का है।
खरीद केद्रों पर नहीं आ रहे गेंहू
खरीद का समय भी 22 जून तक बढ़ा दिया है, लेकिन खरीद केंद्रों में नगण्य गेहूं ही आ रहा है।
ऐसे में ‘मुफ्त अनाज योजना’, बीपीएल की जरूरतें पूरी करने के लिए तत्काल गेहूं का आयात करना पड़ सकता है।
फ्री अनाज योजना के लिए तत्काल आयात करना होगा
भारत ने आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन से 17-18 में 15 लाख टन गेहूं आयात किया था।
21-22 में कुल 80 लाख टन, 22-23 में 55 लाख टन और 2023-24 में 5 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था।
15 दिन में 3 रुपए तक बढ़ सकते हैं दाम
आटा कारोबारियों के अनुसार मिल वाले राखी से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन से पहले सरकारी स्टॉक की ओपन मार्केट में नीलामी का इंतजार कर रहे हैं।
खुले बाजार में गेहूं 2600-2700 रु. क्विंटल है। ऐसे में 15 दिन में दाम 3 रु. बढ़ सकते हैं। महंगा गेहूं खरीदकर बना आटा 30-31 रु. किलो बेचना पड़ेगा। अभी 28 रु. है।
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