नई दिल्ली। आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार के 5 साल वाले फार्मूले से सहमत नहीं हैं। उन्होंने इसे ठुकरा दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उन्हें MSP गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है।
बता दें कि बीते रविवार को किसानों के साथ चौथे दौर की वार्ता के के दौरान केंद्र सरकार मक्का, कपास, उड़द और अरहर पर MSP देने के लिए तैयार हुई थी। अगर ये प्रस्ताव मान लेते, तो अगले 5 साल तक इन 4 फसलों की खरीदारी के लिए अलग से सहकारी सभाओं का गठन करने का प्रस्ताव था।
नई दर पर फसलों की खरीदारी के लिए एनसीसीएफ और नैफेड से अनुबंध किये जाने की बात कही गई थी, ताकि किसान परेशान न हों। इस प्रस्ताव नो विचार करने के लिए दो दिन का समय मांगा था। सोमवार देर शाम किसान नेता सरवन पंढेर ने कहा कि केंद्र के 5 साल वाले प्रस्ताव को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया है।
वे आंदोलन में शामिल अन्य संगठन एवं नेताओं से सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। इसके बाद किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक किसान सरकार के प्रस्ताव पर कल यानी 20 फरवरी को अपना फैसला सुना सकते हैं।
इधर, पंजाब और हरियाणा में आंदोलन जारी है। किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। करीब एक सप्ताह से किसान आंदोलनरत हैं। उनकी सबसे प्रमुक मांग एमएसपी की गारंटी है। इइसके अलावा वे किसान पेंशन और कर्ज माफी की मांग भी कर रहे हैं।
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