CM हेमंत सोरेन ने जताया दुख
रांची। झारखंड के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ रमेश शरण का सोमवार देर रात कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया।
उनके असामयिक निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुख व्यक्त किया है और इसे झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट लिखा- मैं डॉ रमेश शरण के निधन से व्यक्तिगत रूप से काफी मर्माहत हूं, यह झारखंड के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
मै़ं मरांग बुरु से उनकी आत्मा की शांति एवं उनके परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ रमेश शरण का कोलकाता के अस्पताल में 69 वर्ष की उम्र में निधन हुआ, उनका अंतिम संस्कार आज रांची के मुक्तिधाम में हुआ।
उन्हें लंग्स में इंफेक्शन था, जिसकी वजह से वे पिछले सात-आठ दिन से बीमार थे। पहले उन्हें रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया और तबीयत में सुधार नहीं होने के बाद एयर एंबुलेंस से कोलकाता ले जाया गया, जहां कल देर रात उनका निधन हो गया।
उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। रांची के प्रसिद्ध डॉक्टर अंकित श्रीवास्तव उनके दामाद हैं। डॉ शरण सुप्रीम कोर्ट के एडवाइजर भी रहे थे।
झारखंड में शोक की लहर
डॉ रमेश शरण विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति थे। उनके निधन से झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है।
उन्हें 2017 में विनोबा भावे विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया था, उससे पहले वे रांची विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में एचओडी थे।
उन्होंने रांची के संत जान्स स्कूल से पढ़ाई की थी और रांची विश्वविद्यालय से एमए किया था, वे अपने बैच के टॉपर थे।
वे कोलकाता आईएम में पीएचडी के समकक्ष डिग्री ले रहे थे, उसी वक्त उनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद वे रांची वापस आ गए और लेक्चररशिप ज्वाइन किया।
रिटायरमेंट के बाद वे इंस्टीच्यूट फार ह्यूमन डेवलपमेंट संस्था के डायरेक्टर बने और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के लोकपाल भी थे।
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