Mental health helpline:
नई दिल्ली, एजेंसियां। जब भी हम बीमार होते हैं तो सबसे पहले डॉक्टर के पास जाते हैं, लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि खुद डॉक्टरों को जब मानसिक या भावनात्मक सहारा चाहिए हो तब वो किसके पास जाते होंगे? दिन-रात मरीज़ों की सेवा में जुटे डॉक्टर्स पर काम का भारी बोझ, लंबी शिफ्ट्स और पेशेंट्स की गंभीर स्थितियों का मानसिक प्रभाव भी पड़ता है। इसी कड़ी में अब डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने देशभर के डॉक्टरों, रेजिडेंट्स और मेडिकल छात्रों के लिए एक मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य है – डॉक्टर्स की मानसिक सेहत का ख्याल रखना और उन्हें समय पर मदद पहुंचाना।
कैसे काम करेगी यह हेल्पलाइन?
इस हेल्पलाइन की सबसे खास बात यह है कि यह सीधे देश के प्रतिष्ठित मनोचिकित्सकों (Psychiatrists) से जोड़ी गई है। डॉक्टर्स या मेडिकल छात्र चाहें तो इस नंबर पर कॉल करके सीधे किसी विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं। ये सेवा दिन के 20 घंटे, पूरे सप्ताह उपलब्ध होगी, जिससे मदद लेने में समय की कोई बाधा नहीं होगी।हेल्पलाइन के पीछे अहम भूमिका निभाने वाले डॉक्टरों में नागपुर के डॉ. साजल बंसल और डॉ. अक्षय डोंगारदिवे प्रमुख हैं। वे खुद डॉक्टर हैं और डॉक्टरों की तकलीफों को समझते हैं, इसलिए उन्होंने इस पहल को शुरू किया है।
मेंटल हेल्थ पर क्यों जरूरी हो गया ध्यान?
FAIMA ने बताया कि हाल के महीनों में डॉक्टर्स और मेडिकल छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं, जो एक बहुत बड़ा चेतावनी संकेत है। AIIMS नागपुर के एक छात्र ने आत्महत्या की। गोंदिया मेडिकल कॉलेज के एक छात्र ने ऐसा प्रयास किया। मुंबई के JJ अस्पताल में एक डॉक्टर ने पुल से कूदने की कोशिश की।इन घटनाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि डॉक्टरों की मेंटल हेल्थ पर काम करना अब टालने योग्य विषय नहीं रहा।
क्यों नहीं लेते डॉक्टर मदद?
FAIMA ने यह भी बताया कि सरकार की मेंटल हेल्थ योजनाएं और हेल्पलाइंस होने के बावजूद, कई मेडिकल प्रोफेशनल्स उसका उपयोग नहीं कर पाते क्योंकि:
उन्हें इन स्कीम्स की जानकारी नहीं होती।उन्हें अपनी गोपनीयता (Confidentiality) को लेकर डर होता है।
इसीलिए इस पहल में डॉक्टर खुद अपने नंबर शेयर कर रहे हैं ताकि मदद लेने वाला डॉक्टर खुद को सुरक्षित महसूस करे और उसकी प्राइवेसी बनी रहे।
हेल्पलाइन की सेवाएं होंगी पूरी तरह मुफ्त
यह हेल्पलाइन देशभर के लगभग 50 मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सहयोग से चल रही है। डॉक्टरों और छात्रों को किसी भी तरह की फीस नहीं देनी होगी।सेवा 24×7 के करीब 20 घंटे, हर दिन उपलब्ध रहेगी। शुरुआत पूर्व FAIMA राष्ट्रीय सचिव डॉ. साजल बंसल के नेतृत्व में हुई है। इस पहल को FAIMA के अध्यक्ष डॉ. मनीष जांगड़ा और राष्ट्रपति डॉ. डोंगारदिवे का भी समर्थन प्राप्त है। इसके राज्य समन्वयक डॉक्टर जयदीप चौधरी (झारखंड), डॉ. बंसल (महाराष्ट्र) और डॉ. श्रीनाथ (आंध्र प्रदेश) हैं।
सरकारी पहलें और लोकसभा में चर्चा
मेंटल हेल्थ को लेकर लोकसभा में भी सवाल उठे। इसके जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम (NMHP) लागू किया गया है। टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम और Tele-MANAS ऐप लॉन्च किया गया है। ग्रामीण इलाकों में सेवाएं देने वाले डॉक्टरों को हार्ड एरिया भत्ता मिलता है। मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए केंद्र और राज्य दोनों काम कर रहे हैं।
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