West Bengal voter list scam:
कोलकाता, एजेंसियां। पश्चिम बंगाल की दो विधानसभा सीटों की वोटर लिस्ट में कुछ लोगों के नाम गलत तरीके से जोड़ने का मामला सामने आया है। आरोप है कि इसके लिए जिम्मेदार ईआरओ (एलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) और एईआरओ (एसिस्टेंट एलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) ने अवैध लोगों को वोटर लिस्ट के डेटा बेस का गोपनीय लॉगिन क्रेडेंशियल्स दे दिए। इस वजह से कई ऐसे नाम वोटर लिस्ट में जुड़ गए जो वहां के असली मतदाता नहीं थे।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
मामला सामने आते ही पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने इसकी सूचना चुनाव आयोग को दिल्ली में दी। चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखा और आदेश दिए कि संबंधित दोनों विधानसभा क्षेत्रों के ईआरओ और एईआरओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए।
चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया है कि कितने लोगों के नाम अवैध रूप से वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं, या वे लोग किस राज्य या देश से थे—क्या वे बाहरी राज्य के थे, बांग्लादेशी या रोंहिंग्या शरणार्थी थे, या फिर मृतक व्यक्तियों के नाम शामिल थे।
किसे किया निलंबित
दक्षिण 24 परगना की विधानसभा सीट 137 – बरूईपुर पुरबा के ईआरओ देबोत्तम दत्ता चौधरी और एईआरओ तथागत मंडल
विधानसभा सीट 206 – मोयना के ईआरओ बिप्लब सरकार और एईआरओ सुदीप्त दास
इसके अलावा डेटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हलदर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक
चुनाव आयोग के मुताबिक, इन अधिकारियों ने न केवल अपने कर्तव्य का सही पालन नहीं किया, बल्कि अनधिकृत लोगों के साथ अपने लॉगिन क्रेडेंशियल साझा कर डेटा सुरक्षा नियमों का उल्लंघन भी किया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने कड़े कदम उठाए हैं।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 29 जुलाई को इस संदर्भ में एक रिपोर्ट मेल के माध्यम से चुनाव आयोग को भेजी थी, जिसमें उक्त अनियमितताओं का खुलासा हुआ था।
इसे भी पढ़ें