नई दिल्ली, एजेंसियां। संसद सत्र के शुरू होने के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में इमरजेंसी को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी को लोकतंत्र पर लगा ‘काला धब्बा’ बताया जिसका जवाब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया।
इमरजेंसी को लेकर प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर खरगे ने कहा कि वे इसको लेकर 100 बार बात करेंगे।
बिना इमरजेंसी लागू किये वे ऐसा कर रहे हैं। हर बार वे ऐसा ही कहते हैं। ऐसा कहकर आप कितने दिन शासन करना चाहते हैं?
क्या कहा पीएम मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इमरजेंसी की 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित है, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर विश्वास रखते हैं, वे 25 जून को कभी नहीं भूल सकते हैं। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 साल पूरे हो रहे हैं।
क्यों चर्चा हो रही है इमरजेंसी की
देश में 25 जून, 1975 को इमरजेंसी का ऐलान किया गया था जो 21 मार्च, 1977 तक जारी रहा था।
इस पूरे समय को आम लोगों की स्वतंत्रता के निर्मम दमन के तौर पर देखा जाता है। इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस कदम का विरोध करने वाले नेताओं को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया था।
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