जेबीवीएनएल ने नियामक आयोग को भेजा नया प्रस्ताव
रांची। झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को अब 2.85 रुपए प्रति यूनिट अधिक चुकाने होंगे। इसकी तैयारी झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) कर रहा है।
बिजली के दर तय करने वाली विद्युत नियामक आयोग को जेबीवीएनएल ने इससे संबंधित प्रस्ताव दिया है।
इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो अप्रैल से बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी। बिजली की कीमत में वृद्धि का यह प्रस्ताव साल 2024-25 के लिए दिया गया है।
छह महीने पहले बढ़ी थी कीमत
बिजली उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली की कीमत में बढ़ोत्तरी की मार महज छह महीने में ही झेलनी पड़ जाएगी। यह जरूर है कि उन्हें अगले साल मार्च-अप्रैल से कीमत चुकानी पड़ेगी।
लेकिन बढ़ी कीमतों पर मुहर इसी साल के अंत तक लग जाएगी। जेबीवीएनएल ने बीते फरवरी महीने में ही बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी की थी।
जेबीवीएनएल की ओर से नियामक आयोग को भेजे गए प्रस्ताव को लेकर एक्सपर्ट कहा कहना है कि जेबीवीएनएल कंज्यूमर के पॉकेट से कमाई करने की तैयारी कर रहा है।
हर साल घाटे में रहने की बात करने वाला जेबीवीएनएल इसी तरीके से साधारण कंज्यूमर के पॉकेट में बोझ डाल कमाई कर रहा है।
ये है जेबीवीएनएल का प्रस्ताव
साल 2024-25 के लिए बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव जो नियामक आयोग को भेजा गया है, उसके मुताबिक सहमति मिलने पर 6.65 रुपए की जगह 9.50 रुपए प्रति यूनिट देने होंगे।
श्रेणी वर्तमान दर वर्तमान फिस्ड चार्ज (मासिक) प्रस्तावित दर प्रस्तावित फिक्स्ड चार्ज फिस्ड चार्ज (प्रति किलोवाट/मासिक)
घरेलू (ग्रामीण) : 6.30 : 75 : 8.25 : 75/किवा/माह फिस्ड चार्ज (अर्बन) : 6.65 : 100 : 9.50 : 100 /किवा/माह घरेलू (एचटी) : 6.25/केवीएच 150/केवीए : 9.50/केवीएच : 100 /किवा/माह कॉमर्शियल (ग्रामीण) : 6.10 : 120/किलोवाट : 10 : 200 /किवा/माह कॉमर्शियल (अर्बन) : 6.65 : 200/ किलोवाट : 10.50 : 450 /किवा/माह सिंचाई : 5.30 : 50/एचपी/माह : 08 : 50/एचपी/माह एलटीआईएस : 6.05/केवीएएच : 150/केवीए : 09/केवीए : 300/केवीए/माह एचटीआईएस : 5.85 / केवीएएच : 400/केवीए : 6.30/केवीए : 450/केवीए/माह
जानिए कैसे महंगी हो जाएगी बिजली
दरअसल, जेबीवीएनएल फिर से लोड आधारित फिक्स्ड चार्ज करने का प्रस्ताव दिया है। यदि किसी उपभोक्ता के घर में 4 किलोवाट का लोड है तो वर्तमान में उसे केवल 100 रुपए प्रति माह देना पड़ता है पर टैरिफ प्रस्ताव लागू हो जाता है तो 100 रुपए प्रति किलो वाट प्रति माह यानी लगभग 400 रुपए प्रति माह अतिरिक्त केवल फिक्स्ड चार्ज के रूप में देना पड़ेगा।
इसे भी पढ़ें