नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कानूनविद कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया है।
उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को मिले चंदे की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि क्या इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कंपनियों ने राजनीतिक दलों को अपने हित में साधा है। इस सवाल का जवाब मिलना चाहिए।
सिब्बल ने कहा कि जो आंकड़े सामने आए हैं। उनसे पता चलता है कि घाटे वाली कंपनियों ने भी चुनावी चंदा दिया है।
इसलिए इस बात की जांच होनी ही चाहिए कि क्या ऐसी कंपनियों को राजनीतिक दलों की तरफ से फायदा पहुंचाया गया है।
सिब्बल ने कहा कि जांच की संभावना कम ही है। ना तो सीबीआई और ना ही ईडी जांच करेगी। तो अब जिम्मेदारी कोर्ट पर है।
सिब्बल ने 2जी स्कैम की जांच के लिए गठित एसआईटी का हवाला देकर कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए किस पार्टी को किसने कितना चंदा दिया है और उसे बदले में क्या फायदा पहुंचाया गया, इसकी जांच के लिए भी एसआईटी बननी चाहिए।
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि जैसे टूजी (स्कैम) में हुआ, उसी तरह कोर्ट को एक एसआईटी बनानी चाहिए।
कोर्ट को खुद ही एसआईटी के सदस्यों की नियुक्ति करनी चाहिए। जिस-जिस कंपनी ने डोनेशन दिया है, उसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि कई ऐसी कंपनियां हैं जो घाटे में हैं या जिनका मुनाफा बहुत कम है, उन्होंने भी चंदा दिया है।
अगर चंदे के बदले कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है तो इसकी जांच होनी चाहिए। यह अवैध है और ऐसे चंदे के पैसे जो इमारतें बनी हैं, वो भी अवैध हैं।
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