नई दिल्ली। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड नये डेटा के अनुसार इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये बीजेपी ने लगभग 7000 करोड़ रुपये कैश कराये।
वहीं, डीएमके ने 656 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये कैश कराये हैं। इसमें लगभग 509 करोड़ रुपये के बॉन्ड फ्यूचर गेमिंग के हैं।
बता दें कि डीएमके उन पार्टियों में शामिल हैं, जिसने चंदा देने वाले लोगों, संस्थाओं और कंपनियों के नाम उजागर किये हैं।
दूसरी ओर बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी और आप सरीखी पार्टियों ने चंदा डोनरों के नाम बताने से फिलहाल इनकार किया है।
डीएमके को मेघा इंजीनियरिंग्स की ओऱ से 105 करोड़ रुपये, इंडिया सीमेंट से 14 करोड़ रुपये और सन टीवी की ओर से 100 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा के रूप में दिये गये।
बीजेपी के बाद टीएमसी को मिला सबसे अधिक चंदा
इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा हासिल करने वालों में बीजेपी के बाद ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी दूसरे नंबर पर है।
एसबीआई द्वारा जारी डेटा के मुताबिक टीएमसी को लगभग 1334 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड मिले हैं। टीएमसी ने इतने के बॉन्ड को कैश भी कराया है।
वहीं, कांग्रेस को 1334.35 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड और बीआरएस को 1322 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड मिला है। बसपा की मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी को कोई इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं मिला है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SBI की ओर से 13 मार्च को सौंपा गया इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को 15 मार्च तक डेटा का डिजिटलाइज्ड फोर्मेट उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। आदेश के मुताबिक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इसे 17 मार्च तक अपलोड करना था।
बता दें कि एसबीआई की ओर से मिले डेटा को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आधा-अधूरा करार दिया था। एक्सपर्ट ने बताया था कि डेटा में यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर नहीं दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एसबीआई को 18 मार्च तक का समय दिया है। इस नंबर के मिल जाने से इलेक्टरोल बॉन्ड से संबंधित और भी खुलासे होंगे।
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