Election Commission:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 की तस्वीर साझा की है। इस कदम का मकसद बिहार में चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) अभियान की संवैधानिक वैधता को स्पष्ट करना है। बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची में फर्जी और अवैध मतदाताओं को हटाने के लिए यह अभियान 25 जून से 26 जुलाई तक चल रहा है।
Election Commission:RJD और कांग्रेस ने इस प्रक्रिया पर उठाए सवाल
विपक्षी दलों जैसे RJD और कांग्रेस ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और इसे गरीबों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया है। विपक्ष का कहना है कि मानसून और बाढ़ के समय यह वेरिफिकेशन अव्यवहारिक है और कई योग्य मतदाता इससे वंचित रह सकते हैं। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और संविधान के तहत हो रही है।
Election Commission:क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 326
संविधान का अनुच्छेद 326 सभी भारतीय नागरिकों को 18 वर्ष की आयु के बाद वोटर बनने का अधिकार देता है, बशर्ते वे किसी निर्वाचन क्षेत्र में निवास करते हों और किसी कानूनी अयोग्यता के अंतर्गत न आएं। इस अनुच्छेद के आधार पर चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाने के लिए यह अभियान शुरू किया है। बिहार में करीब 7.89 करोड़ मतदाताओं को गणना फॉर्म वितरित किए गए हैं, जिन्हें वे वैध दस्तावेजों के साथ जमा करेंगे। चुनाव आयोग ने अपने पोस्ट के जरिए यह साफ किया है कि यह कदम संविधान के नियमों के अनुरूप है और सभी पात्र मतदाताओं को निष्पक्ष तरीके से वोट का अधिकार सुनिश्चित करना इसका उद्देश्य है।
इसे भी पढ़ें
Election Commission: चुनाव आयोग ने बिहार वोटर रिवीजन में आधार, मनरेगा और राशन कार्ड को किया खारिज