Election Commission:
नई दिल्ली, एजेंसियां। चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लेते हुए अब वोटर आईडी के लिए आधार और मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है। अब ऑनलाइन वोटर लिस्ट सेवाओं के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर होना जरूरी होगा। चुनाव आयोग के अनुसार, बिना आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसमें नए वोटर नाम जोड़ने, नाम हटाने या किसी भी बदलाव के लिए भी यह नियम लागू होगा।
सिस्टम पूरी तरह से लागू
चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि यह फैसला लगभग एक माह पहले लिया गया था और आईटी विभाग इसे लागू करने की तैयारी में था। अब यह सिस्टम पूरी तरह से चालू हो चुका है। अब कोई भी आवेदन बिना आधार लिंक वाले मोबाइल नंबर के स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कर्नाटक में वोटर लिस्ट विवाद
इस बीच, यह फैसला कर्नाटक में बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट डिलीशन विवाद के समय आया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में वोटर डिलीट करने की संगठित साजिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि अलंद विधानसभा सीट से 6018 वोटर डिलीट किए गए और इसे वोट चोरी का मामला बताया।
चुनाव आयोग ने आरोप खारिज किए
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. अंबुकुमार ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि दिसंबर 2022 में ऑनलाइन फॉर्म-7 के माध्यम से अलंद विधानसभा से 6018 वोटर हटाए गए थे। जांच में केवल 24 आवेदन सही पाए गए जबकि 5994 फर्जी पाए गए, जिन्हें रद्द कर दिया गया। मामले की जांच के लिए FIR भी दर्ज की गई।
चुनाव आयोग का यह नया नियम वोटर डाटा की पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए लिया गया है। अब हर उम्मीदवार के आधार लिंक मोबाइल नंबर के साथ ही वोटर सूची में नाम दर्ज होगा, जिससे भ्रामक या फर्जी आवेदन रोकने में मदद मिलेगी।
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