सुनील श्रीवास्तव और करीबियों के 150 बैंक खातों को IT ने किया फ्रीज
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव के मामले में जल्द ED की एंट्री हो सकती है। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की छापेमारी में दुबई कनेक्शन सामने आया है, इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच एजेंसी कर सकती है।
150 करोड़ के संदेहास्पद लेन देन के दस्तावेज मिलेः
बीते दो दिनों से जारी IT की छापेमारी में अब तक 150 करोड़ रुपए के संदेहास्पद लेन-देन से जुड़े दस्तावेज और कुल 50 लाख रुपए कैश जब्त किए गए हैं। साथ ही 150 बैंक खातों को फ्रीज किया गया है।
दुबई कनेक्शन भी आया सामनेः
जांच में सुनील के पार्टनर दिनेश मंडल का दुबई कनेक्शन सामने आया है। मंडल ने दो कंपनियां बना कर व्यापार किया और आयकर रिटर्न में इसकी घोषणा नहीं की है। छापेमारी के दौरान अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं, जिनका मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं, जेवरात के मूल्यांकन का काम जारी है।
कई कागजी कंपनियों की जानकारी मिलीः
काले धन को खपाने के लिए कई कागजी कंपनियां बनाई गई इनकम टैक्स विभाग की जांच में यह पाया गया है कि रियल एस्टेट का कारोबार करनेवाली कंपनी ‘मेसर्स ग्लोबल इंफ्रा’ में सुनील श्रीवास्तव की पत्नी सत्या श्रीवास्तव 50% की पार्टनर हैं।
ग्लोब इंफ्रा ने करीब 25 करोड़ रुपए का संदेहास्पद लेन-देन किया है। काले धन को जायज करार देने के लिए कई कागजी कंपनियां बनाई गई है।
‘मेसर्स एसडीएम सेल्स’ के बैंक खातों से 40 करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन किए गए हैं। हालांकि, इन कंपनियों ने पिछले दो साल से अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है।
20 करोड़ रुपए के संदेहास्पद लेन-देन का मामलाः
जांच में पाया गया है कि सुनील श्रीवास्तव की पत्नी सत्या श्रीवास्तव के नाम पर ‘अंकुर नर्सरी’ है और उनके पास ‘सत्या साईं सुपर मार्केट’ का मालिकाना हक भी है।
‘मेसर्स एडीएम सेल्स’ में दिनेश मंडल और सुनील श्रीवास्तव 50%-50% के हिस्सेदार हैं। सुनील श्रीवास्तव पहले ‘मेसर्स व्योम इंफ्रा’ में पार्टनर थे। इस कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 70% थी।
हालांकि, उन्होंने अब इस कंपनी से अपना संबंध तोड़ लिया है और इसमें अपने बेटे को पार्टनर बनाया है। इस कंपनी में उनका बेटा शशांक अब 70% का पार्टनर है।
इस व्यापारिक प्रतिष्ठान का इस्तेमाल भी संदेहास्पद लेन-देन के लिए किया गया है। जांच के दौरान इस कंपनी द्वारा 20 करोड़ रुपए के संदेहास्पद लेन-देन का मामला पकड़ में आया है।
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