ED:
नई दिल्ली, एजेंसियां। कोलकाता के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहारा इंडिया और उसके सहयोगी कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। निदेशालय ने लोनावाला (महाराष्ट्र) के एंबी वैली सिटी के आसपास की 707 एकड़ जमीन को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
इस जमीन की अनुमानित बाजार कीमत करीब 1460 करोड़ रुपये है। यह जब्ती मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है। जांच में पता चला है कि यह जमीन बेनामी नामों से खरीदी गई थी। इसके लिए सहारा समूह की कंपनियों से पैसे निकाले गए थे।
ED: तीन एफआइआर के आधार पर शुरू हुई जांच
ईडी ने यह जांच ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गई 3 एफआईआर के आधार पर शुरू की। ये एफआईआर M/s Humara India Credit Co-operative Society Ltd (HICCSL) और अन्य के खिलाफ IPC, 1860 की धारा 420 और 120B के तहत दर्ज की गई थीं।
इसके बाद सहारा ग्रुप की कंपनियों और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ 500 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गईं। इनमें से 300 से ज्यादा मामले PMLA, 2002 के तहत दर्ज किए गए हैं। आरोप है कि निवेशकों को धोखा देकर पैसे जमा करवाए गए। उनकी मर्जी के बिना पैसे फिर से जमा करवाए गए और मैच्योरिटी पूरी होने पर भी भुगतान नहीं किया गया।
ED: चलाई जा रही थी पोंजी स्कीम
ईडी की जांच में पता चला कि सहारा ग्रुप कई तरह की पोंजी स्कीम चला चला रहा था। ये पोंजी स्कीम कई अलग-अलग कंपनियों के माध्यम से चल रही थीं। इनमें HICCSL, Sahara Credit Cooperative Society Limited (SCCSL), Saharayn Universal Multipurpose Cooperative Society (SUMCS), Stars Multipurpose Cooperative Society Limited (SMCSL) आदि शामिल हैं।
बता दें कि पोंजी स्कीम एक ऐसी स्कीम होती है जिसमें निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का लालच दिया जाता है। पुराने निवेशकों को नए निवेशकों के पैसे से भुगतान किया जाता है। जब नए निवेशकों की संख्या कम हो जाती है तो यह स्कीम टूट जाती है।
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