Anil Ambani:
नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को 17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में पूछताछ की। दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में अनिल अंबानी (66) की पेशी हुई, जहां धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज किया गया।
जांच का दायरा
इस मामले की जांच 2017 से 2019 के बीच अंबानी की कंपनियों को यस बैंक से मिले 3,000 करोड़ रुपये के ऋण के कथित दुरुपयोग और अन्य वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है। जांच एजेंसी का आरोप है कि इन फंड्स का इस्तेमाल उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया, जिसके लिए लोन स्वीकृत हुआ था।
छापेमारी और जब्ती
ईडी ने 24 जुलाई को इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई में 35 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये ठिकाने 50 कंपनियों और 25 लोगों से जुड़े थे, जिनमें अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के अधिकारी भी शामिल हैं। छापेमारी तीन दिनों तक चली और कई वित्तीय दस्तावेज, लैपटॉप और डिजिटल डेटा जब्त किए गए।
लुकआउट सर्कुलर (LOC) भी जारी
अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है, जिससे वे जांच अधिकारियों की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ सकते। यह कदम ईडी द्वारा उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाए जाने के तुरंत बाद उठाया गया था।
अगली कार्रवाई की तैयारी
ईडी अब उन अन्य संस्थाओं और व्यक्तियों की भूमिका की जांच कर रही है, जो इस ऋण धोखाधड़ी और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि आगे की पूछताछ में अनिल अंबानी को दोबारा बुलाया जा सकता है।
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