रांची। झारखंड की राजनीति में भूचाल आ गया है! पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भाजपा का दामन थामते जेएमएम पर निशाना साध दिया है।
हेम्ब्रम का कहना है कि जेएमएम के अंदर भारी असंतोष है और कई विधायक और वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ने का मन बना रहे हैं।
उन्होंने हेमंत सोरेन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाना नाराजगी का बड़ा कारण बना है।
लोबिन ने और झामुमो और हेमंत सोरेन पर और भी कई बड़े आरोप लगाये हैं। लोबिन के बयान से झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर खलबली मची है।
इतना ही नहीं, पार्टी के थिंक टैंक और कर्ता धर्ता लोबिन के बयान के बाद अब अपने विधायकों को टटोलने की कोशिश में जुट गये हैं कि आखिर इस बयान में कितनी सच्चाई है।
लोबिन हेंब्रम ने किया खुलासा
लोबिन हेम्ब्रम ने मीडिया से बातचीत में जेएमएम में चल रही उथल-पुथल का खुलासा किया। उनका कहना है कि विधायक अभी शांत बैठे हैं लेकिन जल्द ही बड़ा तूफान आने वाला है।
हेम्ब्रम ने खुद के जेएमएम छोड़ने का कारण बताते हुए कहा कि पार्टी में उनके कामों को तवज्जो नहीं दी जा रही थी।
हेमंत सोरेन एकतरफा फैसला ले रहे हैं, मजबूरी में सब चुप!
लोबिन हेम्ब्रम ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन एकतरफा फैसले ले रहे हैं और पार्टी के अधिकांश विधायक इससे खुश नहीं हैं। लेकिन मजबूरी में सब चुप बैठे हैं।
हेम्ब्रम ने चंपई सोरेन के समय के माहौल की तारीफ करते हुए कहा कि तब सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन हेमंत सोरेन के जेल से वापस आते ही चंपई सोरेन को किनारे लगा दिया गया, जिससे नाराजगी बढ़ी है।
‘मंईयां सम्मान योजना’ महज चुनावी स्टंट
लोबिन हेम्ब्रम ने हेमंत सोरेन पर झारखंड की जनता से किए वादे पूरे न करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने बहुत से वादे किये थे लेकिन एक भी पूरा नहीं किया।
लोबिन हेम्ब्रम ने हाल ही में शुरू की गई ‘मंईयां सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि इतने दिनों तक यह योजना क्यों नहीं लाई गई?
आदिवासी समुदाय को गुमराह किया गया
लोबिन हेम्ब्रम का कहना है कि यह योजना ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी। यह सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने का एक और तरीका है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को तीर-धनुष के नाम पर गुमराह किया गया है।
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