Dr. Bhimrao Ambedkar : क्या कहा था डॉ. आंबेडकर ने?
आज डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती है, और इस मौके पर हम उनके विचारों को याद करते हैं। डॉ. आंबेडकर केवल भारतीय संविधान के निर्माता ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने हमेशा छोटे राज्यों के गठन का समर्थन किया। उनका मानना था कि बहुत बड़े राज्य प्रशासन में मुश्किलें पैदा करते हैं और लोकतंत्र को कमजोर कर सकते हैं।
डॉ. अंबेडकर ने 1955 में अपनी पुस्तक “Thoughts on Linguistic States” में बताया था कि बड़े राज्य बहुत बड़े होते हैं और इनका प्रबंधन मुश्किल हो जाता है। उनका कहना था कि छोटे राज्य ज्यादा प्रभावी और प्रबंधनीय होते हैं। छोटे राज्यों में लोगों को शासन में अधिक भागीदारी और जवाबदेही मिलती है।
Dr. Bhimrao Ambedkar : किस राज्य को बांटने की सलाह दी?
उत्तर प्रदेश को उन्होंने तीन हिस्सों में बांटने का सुझाव दिया था, ताकि हर राज्य का आकार लगभग दो करोड़ हो।
बिहार और मध्य प्रदेश को भी उन्होंने छोटे हिस्सों में बांटने की सलाह दी।
Dr. Bhimrao Ambedkar : क्यों जरूरी था छोटे राज्यों का गठन?
अंबेडकरका कहना था कि बड़े राज्यों में प्रशासन का बोझ बहुत बढ़ जाता है और लोग उससे दूर हो जाते हैं। छोटे राज्य लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं और विकास में समानता सुनिश्चित करते हैं।
Dr. Bhimrao Ambedkar : क्या असर पड़ा उनके विचारों का?
अंबेडकर के विचारों पर 2000 में झारखंड और छत्तीसगढ़ का गठन किया गया। इसके बाद 2011 में उत्तर प्रदेश के बंटवारे का प्रस्ताव भी आया, हालांकि वह लागू नहीं हुआ।
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