नई दिल्ली, एजेंसियां: आजकल के तनावपूर्ण वातावरण में कई लोगों को मानसिक तनाव की समस्या हो रही है।
किसी को बच्चों की पढ़ाई का स्ट्रेस, तो किसी को नौकरी का, तो किसी को बीमारी का। आजकल हर कोई किसी न किसी बात को लेकर परेशान है और स्ट्रेस में है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये स्ट्रेस हमारी आधी से ज्यादा बीमारियों की सबसे बड़ी वजह है।
जानकारों का कहना है कि किसी भी बीमारी की शुरुआत स्ट्रेस की वजह से ही होती है। ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है डायबिटीज, जिससे आज देश में काफी आबादी जूझ रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये बीमारी भी स्ट्रेस की वजह से ही होती है?
दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रेस और डायबिटीज में गहरा संबंध है। स्ट्रेस होने पर शरीर में एक कोर्टिसोल नाम का हार्मोन रिलीज होता है इससे स्ट्रेस हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है।
इस हार्मोन के रिलीज होने से शरीर में ग्लूकोज का लेवल बढ़ता है। यही वजह है कि स्ट्रेस की वजह से डायबिटीज बढ़ती है।
जब जब आप स्ट्रेस में होते हैं तो आपका शरीर उस स्ट्रेस के प्रति संवेदनशील हो जाता है और एसआरएच, कोर्टिसोल, कैटेकोल माइन और थायराइड समेत कई हार्मोंस के स्तर में बदलाव होना शुरू हो जाता है।
यही हार्मोन का इम्बैलेंस कई बीमारियों की जड़ बनता है। यही डायबिटीज के मामले में भी होता है।
पुरानी बीमारियों को भी करता है तेज
स्ट्रेस नई बीमारियों के साथ-साथ शरीर में मौजूद पुरानी बीमारियों को भी लगातार तेज करता रहता है जिससे उस बीमारी को ठीक करने में भी परेशानी आती है और लंबा समय लगता है।
स्ट्रेस आपके शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है यही वजह है कि तनावपूर्ण व्यक्ति की बीमारी अन्य व्यक्ति की तुलना में लंबी चलती है।
इसलिए आपको स्वस्थ रहने के लिए स्ट्रेस को मैनेज करना बेहद जरूरी है और उसके लिए जरूरी है स्ट्रेस के लक्षणों को पहचानना।
क्या है स्ट्रेस के लक्षण?
- सिर दर्द होना,
- मांसपेशियों में दर्द या तनाव होना,
- बहुत अधिक या बहुत कम सोना,
- खुद को हर समय बीमार महसूस करना,
- थकान महसूस होना,
- बहुत ज्यादा या कम भूख लगना,
- हर समय चिड़चिड़ा, उखड़ा-उखड़ा रहना
- हमेशा डिप्रेशन महसूस करना,
- हर समय बेचैनी रहना,
- कोई न कोई बात को सोचते रहना,
- बहुत अधिक गुस्सा आना,
- अत्यधिक शराब पीना या स्मोकिंग करना।
स्ट्रेस से बचाव कैसे करें?
- नियमित रूप से व्यायाम करें,
- योग या मेडिटेशन का अभ्यास करें,
- ध्यान जैसी माइंडफुलनेस तकनीकों का अभ्यास करें,
- अपनों से बात करें,
- कैफीन का सेवन कम करें,
- पंसदीदा म्यूजिक सुनें या कोई अच्छी किताब पढ़ें।
इसे भी पढ़ें
डायबिटीज के मरीज रोज खाएं ये 5 तरह के बीज, कंट्रोल में रहेगा ब्लड शुगर लेवल