रांची। झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे शिक्षकों को ड्रेस कोड में आने की बात कह रहे हैं।
वह यह भी कहते नजर आ रहे हैं, शिक्षक चप्पल पहने स्कूल में मिले, तो वे उसी चप्पल से उनकी इतनी पिटाई करेंगे कि चप्पल पहनने लायक नहीं रहेगा। हालांकि, आइडीटीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
इधर, आदित्य रंजन ने इस तरह के किसी भी वक्तव्य से इनकार किया है तथा किसी पुराने वीडियो में छेड़छाड़ किए जाने की बात कही है। यह भी कहा है कि वह आवाज भी उनकी नहीं है।
पैसे का रोना रोया तो करा देंगे तीन वर्ष का आडिट
एक अन्य कार्यक्रम में राज्य परियोजना निदेशक ने कहा कि स्कूलों में काम करना ही होगा। कोई नौटंकी या बहानेबाजी नहीं चलेगी।
स्कूलों में पांच-दस हजार के काम के लिए अनुदान का इंतजार न करें। जो भी प्रधानाध्यापक राशि नहीं होने की बात कहेंगे उनके विद्यालय का तीन साल का आडिट करा दिया जाएगा।
कहा कि छोटी-मोटी राशि नहीं होने पर विभाग, बीडीओ, सीओ, मुखिया आदि से मांग सकते हैं। सीएसआर से भी काम करा सकते हैं।
शिक्षक संघों ने खोला मोर्चा
वायरल वीडियो को लेकर शिक्षक संघों में नाराजगी है। इन संघों ने निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कई संघों ने कहा है कि शिक्षकों के विरुद्ध निदेशक का यह अमर्यादित आचरण है।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि यदि यह बयान राज्य परियोजना निदेशक का है तो यह निंदनीय है। कड़ी से कड़ी बातों को भी संवैधानिक रूप से कहा जा सकता है।
शिक्षक खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा तथा झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने भी वायरल वीडियो में परियोजना निदेशक के बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है।
शिक्षक संघ उक्त वीडियो को जैक में आयोजित कार्यक्रम का बता रहे हैं, जबकि निदेशक का कहना है कि यह वीडियो उनका नहीं है। शिक्षकों ने आडिट की धमकी दिए जाने पर भी नाराजगी जताई है।
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