रांची। राज्य में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे आपराधिक घटनाओं की समीक्षा डीजीपी अनुराग गुप्ता करेंगे। इस संबंध में डीजीपी 28 फरवरी को जिले के एसपी, एसएसपी, रेंज के डीआईजी और जोनल आईजी के साथ समीक्षा बैठक करने वाले थे, लेकिन यह बैठक स्थगित हो गई थी।
अब, डीजीपी 6 मार्च को यह बैठक करेंगे। इस बैठक में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बीएनएस के तहत अलग-अलग 61 धाराओं के तहत हुए अपराध की समीक्षा की जाएगी।
समीक्षा के तहत होने वाली धाराएं:
- धारा 74, 75, 76, 77, 78, 79, 64(1)(2), 65(1), 65(2), 66, 67, 68, 69, 70(1), 70(2), 71, 72, 73, 80, 81, 82(1), 82(2), 83, 84, 85, 86, 87, 88, 89, 90, 91, 92, 93, 94, 95, 96, 97, 98, 99, 143, 144 के तहत हुए अपराध।
- लैंगिंग अपराधों के बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के धारा 4, 6, 5, 8, 10, 12, 14, 15, 17, 18, 21, 22 के तहत हुए अपराध।
- एसटी-एससी अधिनियम से जुड़े धारा 3(1)(i), 3(1)(ii), 3(1) के तहत हुए अपराध।
- घरेलू हिंसा से महिला के संरक्षण के लिए धारा 31, डायन प्रथा अधिनियम के लिए धारा 3,4,5,6 के तहत हुए अपराध और दहेज प्रथा अधिनियम के लिए धारा 3 और 4 के तहत हुए अपराध।
जोनल आईजी और रेंज के डीआईजी को दिए गए निर्देश: - इन सभी 61 धाराओं के तहत दर्ज कांड में अनुसंधान की स्थिति।
- तीन महीने से अधिक समय से लंबित सुपरविजन के लिए केस की स्थिति।
- ऐसे सभी मामले जिनमें अभियुक्तों के खिलाफ कांड सत्य हुआ है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
- अभियुक्तों की गिरफ्तारी की स्थिति, यदि गिरफ्तार नहीं हुए हैं, तो उनके कारण।
- इन सभी 61 धाराओं में दर्ज ऑनलाइन प्राथमिक और की गई कार्रवाई।
- सत्य पाए गए कांडों में विक्टिम कंपनसेशन के लिए की गई कार्रवाई और लंबित मामले।
- यदि पीड़िता एसटी एससी श्रेणी में आती है, तो संबंधित क्षेत्र के तहत कंपनसेशन की कार्रवाई।
इस बैठक का उद्देश्य राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को लेकर गंभीर कदम उठाना और सभी लंबित मामलों पर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
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