Dendrimers Research Center in America:
मिर्जापुर, एजेंसियां। वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्ट योगदान के लिए बुढ़ापे में जवां रहने का फार्मूला खोजने वाले मिर्जापुर के भारतीय मूल के साइंटिस्ट डॉ मयंक सिंह को संयुक्त राज्य अमेरिका के ‘नेशनल डेंड्रिमर एंड नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर‘ का निदेशक (डायरेक्टर) नियुक्त किया गया है।
जिन्होंने भारतीय समयानुसार मंगलवार (15 अप्रैल) की देर शाम सात बजे केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. डोनाल्ड टॉमालिया द्वारा नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा करने के बाद औपचारिक रूप से अपना पदभार ग्रहण किया।
जो मिशिगन राज्य के माउंट प्लीज़ेंट स्थित नैनोसिन्थॉन्स परिसर में संचालित नेशनल डेंड्रिमर एंड नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर द्वारा जारी आधिकारिक कार्यालय ज्ञापन और उनकी आपसी गोपनीयता समझौतों के तहत सीईओ की मौजूदगी में संपन्न हुई। यह संस्थान डेंड्रीमर विज्ञान एवं नैनो-सक्षम समाधानों के क्षेत्र में अपने अग्रणी अनुसंधान एवं अनुप्रयोग आधारित उपलब्धियों के लिए वैश्विक स्तर पर विख्यात है।
Dendrimers Research Center in America: इसी संस्थान से डॉ मयंक ने शुरु की अपनी यात्रा
मिर्जापुर जिले की चुनार तहसील के नरायनपुर विकास खण्ड के बगही गांव निवासी साइंटिस्ट डॉ. मयंक ने कोविड-19 महामारी के दौरान इसी संस्थान से अपनी वैज्ञानिक यात्रा की शुरुआत की थी। उन्होंने अपनी मेहनत, उत्कृष्ट वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अनुसंधान और समर्पण के बल पर वैज्ञानिक से वरिष्ठ वैज्ञानिक और फिर प्रधान वैज्ञानिक की भूमिका तक का सफर तय किया।
प्रत्येक स्तर पर उन्होंने डेंड्रीमर एवं नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिए, जो वैश्विक शोध एवं अनुप्रयोगों में दिखाई देते हैं। अब वे अपने दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता के साथ इस संस्थान का नेतृत्व एवं निर्देशन कर रहे हैं।
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