बीजींग, एजेंसियां। चीन में एक नया खतरनाक वायरस मिला है। जिसकी चपेट में आने से एक शख्स कोमा में पहुंच गया है।
यह वायरस सीधे तौर पर दिमाग को प्रभावित करता है। इस वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस पर नजर रखे हुए हैं।
2019 में पहली बार मिला था ये वायरस
सबसे पहली बार यह वायरस 2019 में चीन के इनर मंगोलिया में पाया गया था। टिक के काटने से यह वायरस मनुष्य में फैला।
चीन के जिनझोउ शहर में 61 वर्षीय व्यक्ति अचानक बीमार पड़ गया। उसे पांच दिन पहले टिक ने काटा था।
जांच में पता चला कि वह ऑर्थोनेरोवायरस से संक्रमित था। यह वायरस दिमाग पर भी असर डालता है।
द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ने अपनी प्रकाशित एक रिपोर्ट में वायरस को वेटलैंड वायरस (WELV) नाम दिया है। इसके अलावा टिक काटने वाले अन्य रोगियों की भी निगरानी की गई।
वेटलैंड वायरस नैरोविरिडे परिवार में ऑर्थोनेरोवायरस जीनस का सदस्य है और यह टिक-जनित हजारा ऑर्थोनेरोवायरस जीनोग्रुप का बेहद करीबी है।
यह वायरस मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है। ये वायरस आम तौर पर विशिष्ट आर्गैसिड या ixodid टिक्स को संक्रमित करते हैं, जो उन्हें छोटे कशेरुकियों (पक्षियों और स्तनधारियों) तक पहुंचाते हैं जो बदले में टिक संक्रमण के स्रोत के रूप में काम करते हैं।
कुछ ऑर्थोनेरोवायरस टिक्स में ट्रांसओवरियल रूप से संचारित होते हैं। यह वायरस सीधा दिमाग को डैमेज करता है।
ऑर्थोनेरोवायरस के लक्षण
यह वायरस बुखार से जुड़ा है। चीन में करीब 17 मरीजों पर यह वायरस मिला है। इन रोगियों में बुखार, चक्कर आना, सिरदर्द, अस्वस्थता, गठिया और पीठ दर्द जैसे लक्षण देखने को मिले। एक रोगी में न्यूरोलॉजिक लक्षण भी थे।
करीब 640 लोगों में से सिर्फ 12 में वेटलैंड वायरस के प्रति एंटीबॉडी मिली। वहीं एक मरीज कोमा में भी चला गया।
हालांकि सभी रोगी उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं। शोध में पता चला है कि कुछ मामलों में यह वायरस बेहद खतरनाक हो सकता है।
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