Dalai Lama big announcement:
नई दिल्ली, एजेंसियां। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और चीन के बीच उत्तराधिकारी चयन को लेकर एक बार फिर टकराव तेज हो गया है। दलाई लामा ने हाल ही में एक रिकॉर्डेड संदेश में स्पष्ट किया कि उनके उत्तराधिकारी का चयन पारंपरिक तिब्बती बौद्ध पद्धति के अनुसार होगा, न कि किसी राजनीतिक या चीनी सरकार के आदेश से।
दलाई लामा ने कहा
उन्होंने कहा कि उत्तराधिकारी की खोज में तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुख और धर्मरक्षक देवताओं से सलाह ली जाएगी, और यह जिम्मेदारी ‘गदेन फोडरंग ट्रस्ट’ को सौंपी गई है। दलाई लामा के अनुसार, पिछले कई वर्षों से तिब्बत, प्रवासी तिब्बती समुदाय और मंगोलिया-रूस जैसे देशों के बौद्ध अनुयायियों ने उनसे इस परंपरा को जारी रखने की अपील की है।
चीन ने दी तीखी प्रतिक्रिया
इस बयान के कुछ ही घंटों बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि दलाई लामा, पंचेन लामा और अन्य प्रमुख बौद्ध नेताओं के पुनर्जन्म की प्रक्रिया ‘गोल्डन अर्न’ प्रणाली के तहत और चीन सरकार की अनुमति से ही होगी। चीन का दावा है कि ऐतिहासिक रूप से यह प्रक्रिया हमेशा उनके नियंत्रण में रही है, और इसमें किसी भी बाहरी दखल की अनुमति नहीं दी जाएगी। चीन की यह प्रतिक्रिया इस बात की पुष्टि करती है कि बीजिंग तिब्बत पर अपने नियंत्रण को मजबूत बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, जबकि दलाई लामा धार्मिक स्वतंत्रता और पारंपरिक तरीकों से उत्तराधिकारी चुनने की बात कर रहे हैं। यह विवाद न सिर्फ धर्म और राजनीति के बीच संघर्ष को दिखाता है, बल्कि आने वाले समय में तिब्बत की स्वतंत्र पहचान और भविष्य की दिशा पर भी असर डाल सकता है।
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