रांची। देश भर में साइबर अपराध के लिए झारखंड का जामताड़ा बदनाम है। जब पुलिस साइबर अपराधियों की धर-पकड़ के लिए जामताड़ा पहुंचने लगी, तो ठगों ने भी तरीका बदल लिया।
अब साइबर विदेश में मौजूद जालसाजों व सहयोगियों की मदद से ठगी कर रहे हैं। हाल के दिनों में साइबर थाना पुलिस ने जब अपराधियों को पकड़ना शुरू किया तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
जिस वेबसाइट से ठगी हुई उनके सर्वर का आईपी एड्रेस जापान, दुबई, हांगकांग, चीन, फिलीपींस, ताइवान, वियतनाम और कंबोडिया के थे।
इतना ही नहीं पैसे के ट्रांजेक्शन के लिए अब साइबर अपराधी दूसरे राज्यों में बैंक एकाउंट खोल रहे है।
इसका मकसद है कि पुलिस एकाउंट को जल्दी ट्रेस नहीं कर पाए कि पैसे कहां ट्रांसफर हुए है।
ऐसे में विदेश में जाकर इन साइबर अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
साथ ही, ठगी किए गए पैसे को भी रिकवर करना साइबर थाना पुलिस के लिए बहुत मुश्किल साबित हो रहा है।
टेलीग्राम से भेजे जा रहे हैं पार्ट टाइम जॉब के ऑफर
टेलीग्राम एप का सबसे ज्यादा फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं। एप के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।
पार्ट टाइम जॉब करने और इनवेंस्टमेंट कर 10 गुना तक कमाने का लोभ देकर ठगी के शिकार बना रहे है।
38 हजार से ज्यादा सिम का ठगी के लिए हो रहा इस्तेमाल
झारखंड में पिछले 12 माह में साइबर क्राइम के 22,924 केस दर्ज हुए हैं। वहीं साइबर पुलिस ने साइबर अपराधियों से ठगी के 11.32 करोड़ रुपए को फ्रीज कराया है।
राज्य में 38 हजार से अधिक सिम ठगी के लिए एक्टिव हैं। ये जानकारी सीआईडी के प्रतिबिंब एप के माध्यम से पुलिस को मिली है।
एप के जरिए साइबर क्राइम थाना की पुलिस ने सात महीने में 1058 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 2337 मोबाइल और 3445 सिम जब्त किए गए हैं।
एक दिन में एक एकाउंट में 698 बार ट्रांजेक्शन
एक महिला से पार्ट टाइम जॉब के नाम पर 29.94 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। जांच में पता चला कि ठगी फर्जी इनवेस्टमेंट वेबसाइट के जरिए हुई है।
वेबसाइट का आईपी एड्रेस नीदरलैंड, सिंगापुर, चीन, टोक्यो और जापान का था। यह भी जानकारी मिली कि ठगों ने फर्जी कंपनी के नाम पर बैंक एकाउंट खोला था। एक खाते में एक दिन में 698 बार ट्रांजेक्शन हुआ। 2.46 करोड़ रुपए जमा हुए।
लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठग रहे हैं अपराधी
ठगों ने डिजिटल अरेस्ट को नया हथियार बनाया है। वे मुंबई क्राइम ब्रांच के अफसर बनकर पढ़े लिखे लोगों को शिकार बना रहे हैं।
हाल ही में रांची के एक व्यक्ति से ड्रग्स मांगने के नाम पर 1.78 करोड़ रुपए ठग लिए गए। उन्हें कहा गया कि आपके नाम से एक कूरियर आया था, जिसमें प्रतिबंधित ड्रग्स था।
आपके विरुद्ध मुंबई क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया गया है। फिर वीडियो कॉल के जरिए उन्हें सर्विलांस पर डिजिटल अरेस्ट किया गया। इसके बाद सेटलमेंट के नाम पर 1.78 करोड़ ठग लिए गए।
जामताड़ा पहुंची पुलिस तो बदला ठिकाना
साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए देश भर की पुलिस जब जामताड़ा पहुंचने लगी तो ठगों ने ठिकाना बदल दिया।
जामताड़ा से शिफ्ट होकर ये देवघर, दुमका और धनबाद जिले में शिफ्ट हो गए हैं। यहां से ठगी शुरू कर दी है।
पूरे राज्य में पिछले सात महीने के दौरान सबसे अधिक 517 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी देवघर जिले से हुई है। इस दौरान इनसे 805 मोबाइल और 1187 सिम जब्त किए गए हैं।
10 गुना राशि लौटाने का प्रलोभन दे ठगे 92 लाख
साइबर अपराधी अब कम समय में 10 गुना राशि लौटाने का प्रलोभन देकर इन्वेस्टमेंट करा रहे हैं।
रांची के रहने वाले संजीव कुमार से हाल ही में साइबर ठगों ने इन्वेस्टमेंट करने पर 10 गुना राशि करने का लालच देकर 92.2 लाख रुपए ठग लिए।
ठगों ने फर्जी वेबसाइट https://poemsvio.vip बनाकर पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कहा और पैसे ठग लिए।
जब पुलिस ने बैंक ट्रांजेक्शन एकाउंट की जांच की गई तो पता चला कि वेबसाइट का आईपी एड्रेस जापान, हांगकांग और चीन का है।
साइबर ठगी का फैक्ट फाइल
• 1 साल में 22 हजार केस दर्ज
• 2.46 करोड़ रुपए की ठगी
• ड्रग्स के नाम पर भी ठगी
• देवघर से 517 गिरफ्तार
• इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी
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