रांची। उलगुलान न्याय रैली में सीपीआई (एम) के दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आपने नारा दिया है झारखंड झुकेगा नहीं और झारखंड रुकेगा नहीं।
झारखंड को झुकाने की ये साजिश कोई नई नहीं है। जब से झारखंड बना है तब से ही इसका नाम खराब करने की कोशिश जारी रही।
बीजेपी और आरएसएस का बस चलता तो राज्य का नाम वनांचल हो गया होता। झारखंड आंदोलन की देन है तो नाम नहीं बिगाड़ पाए।
जब नया राज्य बना तो खुशी का माहौल होना चाहिए था, लेकिन उसी समय ईद के मौके पर गोली चलती है।
आदिवासी भाई बहनों पर गोली चलती है। कोडरमा के मरकच्चों में गोली चलती है। 2005 में कामरेड महेंद्र सिंह की हत्या हो जाती है।
2014-2019 तक झारखंड जब डबल इंजन की मार झेल रहा था।
पांचवी अनुसूची को लेकर पत्थलगड़ी को लेकर आंदोलन कर रहे थे। धड़ल्ले से सिटीजन एक्ट के तहत अदिवासियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
फादर स्टेन स्वामी जो झारखंड से लेकर देश में आदिवासियों के जल-जंगल जमीन की लड़ाई और उसकी आवाज को बुलंद कर रहे थे।
जेल में बंद कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे थे। उनको उठाकर रांची से पुणे के जेल में डाला गया।
वे वहीं पर शहीद हो गए। ये वहीं दौर है जब हेमंत सोरेन को उठाकर जेल में डाला गया।
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