रांची : जामताड़ा से कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी ने महगामा को मिनी पाकिस्तान बताया है। उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है। इरफान अंसारी ने अपने एक बयान में कहा कि यदि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को हराना है तो यहां किसी मुस्लिम कैंडिडेट को चुनाव लड़ने के लिए उतारना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे कि महगामा को मिनी पाकिस्तान कहा जाता है मतदाताओं के नजरिए से। मधुपुर, जरमुंडी और गोड्डा में भी मुस्लिम आबादी है।
उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह बयान उनकी वैचारिकी को दर्शाता है वहीं गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस का क्या एजेंडा है यह इरफान अंसारी के बयान से दिखता है। हालांकि बाद में बवाल बढ़ने के बाद इरफान अंसारी ने इस बयान से यू-टर्न ले लिया और कहा कि उन्होंने भाजपा का बयान दोहराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग एनआरसी पर राजनीति न करें, भाजपा वाले पाकुड़ और साहेबगंज को बांग्लादेश तथा महगामा को मिनी पाकिस्तान बोलते हैं। मेरे इसी बयान को तोड़-मरोड़ कर भाजपावाले मेरे ही विरुद्ध राजनीति कर रहे हैं।
इस मामले में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इरफान अंसारी ने महगामा को मिनी पाकिस्तान बताया है। वे इरफान अंसारी ही थे जिन्होंने रांची के दंगों के बाद बलवाइयों को बचाया था। उनके मुंह से सात्विक बातें कहां से निकलेंगी। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इरफान अंसारी को निशिकांत दुबे ही बेहतर जवाब दे पायेंगे।
वहीं, निशिकांत दुबे ने कहा कि महगामा में दीपिका पांडेय सिंह, पोड़ैयाहाट में प्रदीप यादव और पाकुड़ में आलमगीर आलम का मुख्य उद्देश्य यही है कि यहां मुस्लिम आबादी बढ़ाओं और चुनावों में वोट बैंक के रूप में उनका इस्तेमाल करो। इरफान अंसारी के पिता फुरकान अंसारी भी यही किया करते थे।
उन्होंने कहा कि यह बात भी सच है कि मधुपुर विधानसभा मुस्लिम बहुल हो गयी है। गौरतलब है कि बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा झारखंड विधानसभा में उठ चुका है। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से पूछा है कि राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर उनके पास क्या जानकारी है।