नयी दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार पर जांच एजेंसियों के माध्यम से 30 कंपनियों को ‘‘ब्लैकमेल करके’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 335 करोड़ रुपये का चंदा दिलवाने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए तथा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ‘श्वेत पत्र’ लाना चाहिए।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि ‘मोदी राज’ में भाजपा को दिया गया ‘अवैध चंदा’ और चुनावी बॉन्ड ही कारोबारी सुगमता की गारंटी है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र पर ‘‘हफ्ता वसूली सरकार’’ होने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच जरूरी है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर सवाल किया कि क्या सरकार इस मामले पर ‘श्वेत पत्र’ लाने, बिंदुवार स्पष्टीकरण देने और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच के लिए तैयार है?
इस प्रकरण पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी या सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘क्या आपको प्रधानमंत्री की ‘चंदा दो, बेल और बिजनेस लो’ योजना के बारे में पता है?
देश में प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह ईडी, आयकर और सीबीआई का दुरुपयोग कर ‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खबरों में सामने आया है कि वसूली एजेंट बन चुकी एजेंसियों की जांच में फंसी 30 कंपनियों ने भाजपा को जांच के दौरान 335 करोड़ रू का चंदा दिया।
चंदे का धंधा इतनी बेशर्मी से चल रहा है कि एक डिस्टिलरी के मालिकों ने बेल मिलते ही भाजपा को चंदा दिया। मित्र की कंपनी को बेईमानी से फायदा और बाकियों के लिए अलग कायदा?’’
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी राज में भाजपा को दिया ‘अवैध चंदा’ और चुनावी बॉन्ड ही कारोबारी सुगमता की गारंटी है।
जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हफ्ता वसूली और ब्लैकमेल की राजनीति हो रही है।ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है।
निजी कंपनियों से चंदा लेने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है।’’
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