रांची। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने ऐलान किया है कि अगले पांच माह में 30 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जायेगी।
यह घोषणा उन्होंने गुरुवार को रांची के शहीद मैदान में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में की।
उन्होंने कहा कि आज नियुक्ति पत्र सौंपकर हम आपको राज्य की बड़ी जिम्मेदारी दे रहे हैं। उम्मीद है कि आप इस पर खरे उतरेंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड बने 24 साल हो गये। राज्य का जो विकास होना था जो लोग सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, वो लोग भी राज्य को चलाए हैं। पर क्या विकास किया।
दलित आदिवासी को हाशिये पर ला दिया। ये राज्य सोने की चिड़िया था, पर यहां के आदिवासी मूलवासी आज भी पिछड़े हुए हैं।
इस सरकार को शुरू से ही अस्थिर करने का प्रयास किया। उनकी वजह से हेमंत सोरेन को जेल यात्रा करना पड़ा।
आपने जो नियुक्ति पत्र प्राप्त किया है उससे हम आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंप रहे हैं। आपके गांव में भी लोग सोच रहे होंगे कि आपको आज नियुक्ति पत्र मिलेगा।
इस सरकार ने सोचा कि क्यों झारखंड में गरीब गुरबा ज्यादा है। यहां के आदिवासी, मूलवासी अल्पसंख्यक क्यों ऐसी स्थिति में है।
जबकि यहां इतना खनिज संपदा है। यहां के खनिज का इस्तेमाल दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात के लोगों ने उपयोग किया।
अगर इसका दो परसेंट भी झारखंड की जनता के लिए किया जाता तो झारखंड की दशा बदल जाती। सीएम ने कहा कि हमने मॉडल स्कूल बनाया। लेकिन इसकी जरूरत क्यों पड़ी।
हम यहां के गरीब गुरबा के बेटे बेटियों को हम इंग्लिश मीडियम से शिक्षा देंगे। आप राज्य के विकास की कल्पना कीजिएगा तो आपको शिक्षा के बारे में सोचना होगा।
बिना शिक्षा हमारा शरीर अधूरा है। हमने आपको इतना नियुक्ति पत्र दिया। फिर 5 महीना के बाद 30 हजार सरकारी नियुक्ति हम देने वाले हैं।
जिस प्रदेश का हम नेतृत्व करते हैं वह विकास की सूची में नीचे हैं। इतना कुछ रहते हुए भी। यहां के खनिज से बाकि लोग रौशन हो गये। लेकिन झारखंड जहां का तहां।
ठंडा में लोगों के शरीर में गर्म कपड़ा नहीं है। गर्मी में पैर में चप्पल नहीं है। इसलिए हम घर घर शिक्षा का दीपक जला रहे हैं। जिसे कोई नहीं बुझा पाएगा।
यहां की जितनी जनजाति भाषा है सबका शिक्षक हम बहाल करेंगे। यहां के बंगला और उड़िया बोलने वालों को हम टीचर देंगे।
हमारी सरकार ने सोचा कि शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र तक बड़ा दयनीय स्थिति है। इसलिए हमने रोटी, कपड़ा, मकान देने को सोचा है।
जो 77 साल आजाद होने के बाद महसूस करना पड़ रहा है। क्यों विकास नहीं हो रहा है क्योंकि यहां 5 हजार स्कूल बंद कर दिया गया था।
बड़ी बड़ी बात करते हैं विकास का। आदिवासी का विकास का बात करते हैं। वन अधिकार अधिनियम से जंगल के ग्राम सभा के प्रथा को समाप्त कर दिया है।
केंद्र का आदमी कोयलांचल को किसी के हाथ में देने जा रहा है। हम आपको आज झारखंड सौंप रहे हैं आपको समझना होगा कि कैसे बहरुपिया राजनीति करने वाला कैसे झारखंड को नष्ट कर रहा है। कैसे शैक्षणिक व्यवस्था से बच्चों को दूर किया है।
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