रांची। झारखंड में ठंड बढ़ने लगी है। 7 दिनों के अंदर 5 डिग्री तापमान नीचे गिर गया है। ऐसे में मौसमी बीमारियां भी शुरू हो गई है।
रिम्स मेडिसिन के चिकित्सक डॉ संजय सिंह ने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में आने वाले 40 फीसदी से अधिक मरीज मौसमी बीमारियों से परेशान होकर पहुंच रहे हैं। हालांकि किसी को भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी विभाग में ब्रेन स्ट्रोक के शिकार मरीज भी आने लगे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है। दूसरी ओर, सदर अस्पताल के ओपीडी में भी इस प्रकार के मरीजों की संख्या बढ़ी है।
बढ़ता है बीपीः
संजय सिंह ने कहा कि मौमस में ठंड बढ़ते ही धमनियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे बीपी बढ़ने लगता है। बीपी बढ़ने के कारण लोगों में स्ट्रोक और हार्ट की शिकायत हो जाती है। इसका ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से सुझाए गए परामर्श और दवाओं का सेवन किसी भी शर्त में नहीं छोड़ना चाहिए। बदलते मौसम में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों को सांस लेने की तकलीफ हो रही है।
वे वायरल संक्रमण, सर्दी-खांसी, जुकाम और पेट दर्द की समस्या से पीड़ित होकर अस्पताल में आ रहे हैं। शिशु विभाग में बच्चों की संख्या अधिक है। नवजात से लेकर पांच साल तक के बच्चे तेजी से बीमार पड़ रहे हैं।
उन्हें चिकित्सीय परामर्श देकर भेजा जा रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि यह राहत की बात है कि डेंगू के मरीजों की संख्या बहुत कम हो गई है।
बदन को पूरी तरह ढंग कर रखेः
डॉक्टरों की सलाह है कि अपने बदन को पूरी तरह से ढंक कर रखें। अपनी नाक, कान और मुंह को ठंड हवाओं से बचाएं। ज्यादा ठंड में घर से बाहर नहीं निकलें, और निकलें भी तो पूरी तरह से गर्म कपड़ों के साथ।
तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में घर के तापमान को गर्म रखें। गर्म खाना और गुनगुना पानी का इस्तेमाल करें। हार्ट और दमा के मरीज ठंड हवाओं से बचें। क्योंकि, सांस की समस्या हो सकती है। ब्लड प्रेशर के मरीज अपनी जांच कराते रहें।
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