मृत्यु दर 70 प्रतिशत तक
नई दिल्ली, एजेंसियां। Chandipura Virus: देश के चार राज्यों में खतरनाक चांदीपुरा वायरस फैल चुका है। इससे मरने वाले बच्चों की संख्या बढकर 12 हो गई है।
इस वायरस में बहुत कम समय में यानी की 24 से 48 घंटे में मृत्यु हो सकती है। संक्रमण बढ़ने से देश की स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
इस वायरस से 9 -14 वर्ष की उम्र के बच्चे प्रभावित होने की सबसे अधिक संभावना है। एम्स नई दिल्ली में बच्चों के रोग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. एम वाजपेयी के अनुसार इसमें मृत्यु दर 56 से 70 फीसदी तक है।
इन राज्यों में फैला वायरस
गुजरात के बाद चांदीपुरा वायरस ने महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है। सभी बच्चों के खून के सैंपल पुणे की राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं।
गुजरात के साबरकांठा, अरवल्ली, महिसागर और राजकोट में इसके मामले सामने आए हैं।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि जहां चांदीपुर वायरस के फैलाव सामने आया है वहां अब तक 8600 लोगो की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
लंग्स के जरिए दिमाग में पहुंचता है वायरस
डॉ. एम वाजपेयी ने बताया कि चांदीपुरा वायरस का जब संक्रमण होता है तो लंग्स के माध्यम से वायरस सीधे दिमाग में चला जाता है। यह रोगज़नक़ रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस का सदस्य है।
यह मच्छरों, टिक्स और सैंडफ़्लाइज़ सहित वैक्टर द्वारा फैलता है। इसमें आमतौर पर फ्लू वाले लक्षण बच्चों में होता है।
बच्चों में उलटी आना, डायरिया, बदन दर्द बढ़ता चला जाता है। इससे बहुत जल्द बच्चा कोमा में चला जाता है। दिमाग में सूजन हो जाता है और फिर बच्चे की मौत हो जाती है।
1996 में नागपुर के चांदीपुर में हुई थी इस वायरस की पहचान
साल 1966 में पहली बार महाराष्ट्र में नागपुर के चांदीपुर में इस वायरस की पहचान हुई थी। यही वजह है कि इसका नाम चांदीपुरा वायरस पड़ा।
इसके बाद इस वायरस को साल 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रिपोर्ट किया गया।
इसे भी पढ़ें
नया वायरस ‘चांदीपुरा’ का खौफ, गुजरात में 4 बच्चों की मौत से हड़कंप