नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र की मोदी सरकार ने 58 साल पुराना प्रतिबंध हटा लिया है, जिसमें केंद्रीय कर्मचारियों को RSS की बैठकों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने इस बाबत ट्वीट करते हुए जानकारी दी है।
कहा है कि 58 साल पहले 1966 में जारी किया गया असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था, मोदी सरकार ने वापस ले लिया है।
कहा कि मूल आदेश को पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था। ये एक गलत फैसला था।
इसलिए लगाया गया था प्रतिबंध
इधर मालवीय ने आगे कहा कि प्रतिबंध इसलिए लगाया गया था क्योंकि 7 नवंबर 1966 को संसद में गोहत्या के खिलाफ़ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था।
आरएसएस-जनसंघ ने लाखों लोगों का समर्थन जुटाया था। पुलिस की गोलीबारी में कई लोग मारे गए।
30 नवंबर 1966 को आरएसएस-जनसंघ के प्रभाव से हिलकर इंदिरा गांधी ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
कांग्रेस ने किया विरोध
इसके जवाब में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया।
इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।’ उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘1966 में आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था। यह 1966 में प्रतिबंध लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है।’
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