नयी दिल्ली, एजेंसियां : दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से उस याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर स्वीकार करने कहा, जिसमें आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को राष्ट्रीय जन स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ में शामिल करने का अनुरोध किया गया है।
कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी एस आरोड़ा की पीठ ने प्रतिवेदन पर शीघ्रता से निर्णय लेने का निर्देश देने के बाद जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया।
उच्च न्यायालय ने याचिका बरकरार करने की याचिकाकर्ता की अर्जी स्वीकार कर ली और मंत्रालय से इसे प्रतिवेदन के रूप में स्वीकार करने को कहा।
अदालत ने आयुष मंत्रालय द्वारा दाखिल हलफनामे पर गौर करते हुए यह आदेश जारी किया।
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