CBSE:
नई दिल्ली, एजेंसियां। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने देशभर के 7 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 15 स्कूलों में अचानक छापेमारी कर ‘डमी स्टूडेंट्स’ का बड़ा नेटवर्क पकड़ा है। दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के स्कूलों में ऐसे छात्रों के नाम थे जो पढ़ाई नहीं करते, बल्कि केवल बोर्ड परीक्षा पास करने के लिए नामांकन कराए गए थे।
CBSE में पता चला
CBSE की जांच में पता चला कि कई स्कूलों में 11वीं-12वीं की कक्षा में छात्रों की संख्या 9वीं-10वीं से कहीं अधिक है, जिससे शक हुआ और छानबीन हुई। इन डमी स्टूडेंट्स का मकसद कोचिंग पर फोकस करना और स्कूल में मौजूदगी का झूठा रिकॉर्ड बनाना था।
जांच के दौरान मिले तथ्य:
11वीं-12वीं में छात्रों की संख्या जरूरत से ज्यादा थी।
कई स्कूलों में पढ़ाई और सुविधाओं की भारी कमी थी।
कई छात्रों के नाम स्कूलों में थे, लेकिन वे कभी कक्षा में नहीं आए।
रिकॉर्ड और हकीकत में बड़ा अंतर पाया गया।
जांच की गई स्कूलों में शामिल हैं:
श्री गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल, चंडीगढ़
एपेक्स पब्लिक स्कूल, बुराड़ी, दिल्ली
सिएट कॉन्वेंट स्कूल, कंझावला, दिल्ली
देवेंद्र पब्लिक स्कूल, किराड़ी, दिल्ली
एसकेआर पब्लिक स्कूल, इंद्रपुरी, दिल्ली
सेंट कबीर मॉडर्न स्कूल, निलोठी, दिल्ली
राजेंद्र पब्लिक स्कूल, नांगलोई, दिल्ली
श्रीलाल कॉन्वेंट स्कूल, बापरोला, दिल्ली
एलके इंटरनेशनल स्कूल, बवाना, दिल्ली
सेंट्रल एकेडमी, रांची, झारखंड
द जैन इंटरनेशनल स्कूल, नागपुर, महाराष्ट्र
राहुल इंटरनेशनल स्कूल, मीरा रोड, महाराष्ट्र
जेएस मेमोरियल पब्लिक स्कूल, मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
आलोक भारती मॉडल स्कूल, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
लक्ष्य स्कूल, समलकोटा मंडल, आंध्र प्रदेश
CBSE ने स्पष्ट कहा है कि नियमों के उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बोर्ड का मकसद छात्रों को ईमानदार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। यह कदम शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की दिशा में अहम है।
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