Caste survey in Karnataka:
बैंगलोर, एजेंसियां। कर्नाटक में जारी सामाजिक एवं शैक्षिक सर्वे, जिसे आम तौर पर जातिगत जनगणना कहा जा रहा है, तय समय सीमा में पूरी नहीं हो सकी है। यह सर्वे 22 सितंबर से शुरू हुआ था और इसे 7 अक्टूबर को समाप्त होना था। अब संकेत मिल रहे हैं कि इसकी समयसीमा आगे बढ़ाई जा सकती है। राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में एक ज्ञापन जारी करते हुए कहा कि शिक्षकों को सर्वे का कार्य पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
दशहरा अवकाश के बाद
दशहरा अवकाश के बाद 8 अक्टूबर को स्कूल दोबारा खुलने पर शिक्षकों को सर्वे पूरा करने का अवसर देने के लिए स्कूलों की टाइमिंग में अस्थायी बदलाव किया गया है। ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र में 8 से 24 अक्टूबर तक सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षाएं सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेंगी। इसके बाद शिक्षक सर्वेक्षण कार्य में भाग लेंगे।
इसी तरह राज्य के अन्य हिस्सों में 8 से 12 अक्टूबर तक कक्षाएं इसी समय पर संचालित होंगी। विभाग ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए किया गया है, ताकि मध्य-वर्षीय अवकाश के बाद पढ़ाई प्रभावित न हो।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से भी पत्र जारी कर कहा गया है कि सर्वे पूरा करने के लिए और समय की आवश्यकता है। इस सर्वे में लगभग 60 सवालों की विस्तृत प्रश्नावली तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की सही जानकारी जुटाना है।
राज्य सरकार के इस फैसले से संकेत मिलते हैं कि जातिगत जनगणना का यह महत्वाकांक्षी सर्वे फिलहाल जारी रहेगा, ताकि सभी वर्गों का समुचित आंकलन सुनिश्चित हो सके।
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