Wednesday, June 25, 2025

जज के बंगले से कैश मामला: 2018 में 97.85 करोड़ रुपए के घोटाले में दर्ज CBI की FIR में था जस्टिस वर्मा का नाम [Cash case from judge’s bungalow: Justice Verma’s name was in the CBI FIR registered in 2018 in the Rs 97.85 crore scam]

नई दिल्ली, एजेंसियां। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने शुक्रवार को इंटरनल इन्क्वायरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के CJI संजीव खन्ना को सौंप दी। अब कॉलेजियम इस पर आगे की कार्रवाई करेगा।

इस घोटाले से भी जुड़ा है जस्टिस वर्मा का नामः

इससे पहले 2018 में गाजियाबाद की सिम्भावली शुगर मिल में गड़बड़ी के मामले में जस्टिस वर्मा के खिलाफ CBI ने FIR दर्ज की थी। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने मिल में गड़बड़ी की शिकायत की थी।

शिकायत में कहा था कि शुगर मिल ने किसानों के लिए जारी किए गए 97.85 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया है।

जस्टिस वर्मा तब कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे। इस मामले में CBI ने जांच शुरू की थी। हालांकि, जांच धीमी होती चले गई।

जांच दोबारा शुरू करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पलटाः

फरवरी 2024 में एक अदालत ने CBI को बंद पड़ी जांच दोबारा शुरू करने का आदेश दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलट दिया और CBI ने जांच बंद कर दी।

फायर सर्विस चीफ बोले- मैंने कैश नहीं मिलने की बात नहीं कहीः

इस बीच, दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा है कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि जज के घर कैश नहीं मिला है। 21 मार्च को मीडिया रिपोर्ट्स में गर्ग का बयान छपा था, जिसमें उनके हवाले से बताया गया था कि जस्टिस वर्मा के घर आग बुझाने के दौरान कोई कैश बरामद नहीं हुआ था।

होली के दिन लुटियंस दिल्ली स्थित बंगले पर आग लगी थीः

जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित बंगले पर 14 मार्च को होली की रात करीब 11.35 बजे आग लगने के बाद कैश बरामद हुआ था। दिल्ली के अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई थी। घटना के दौरान जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। उनका परिवार घर में मौजूद था।

बार काउंसिल के सदस्यों ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय के सामने इस मुद्दे को उठाया और उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध किया। चीफ जस्टिस ने जवाब दिया कि जज इस मुद्दे से अवगत हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनल इनक्वायरी बैठाईः

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ इंटरनल इन्क्वायरी शुरू की है। उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव अलग है। बयान में कहा गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर बयान जारी किया। जिसमें कहा गया कि कैश मिलने की गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आज CJI संजीव खन्ना को प्राइमरी रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

पूरे घटनाक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा का वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में साफ किया कि जज के बंगले से कैश मिलने की खबर और उनके तबादले का आपस में कोई संबंध नहीं है।

इंदिरा जयसिंह बोलीं- जानकारी सार्वजनिक होः

सीनियर लॉयर इंदिरा जय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के निर्णय में पारदर्शिता की कमी की आलोचना की है। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि अपर्याप्त जानकारी के आधार पर टिप्पणी करना अनुचित है।

कॉलेजियम से अनुरोध है कि वह घटना से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करे। कैश किन परिस्थितियों में बरामद किया गया। इसकी जानकारी सबको होनी चाहिए। अब तक सिर्फ अटकलें ही लोगों के सामने है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक जज कार्रवाई से अलग नहीं है।

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