पटना। बिहार में 20 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई से बिहार में हड़कंप मच गया है।
केके पाठक ने बड़ा फैसला लेते हुए 20 शिक्षकों पर FIR के साथ उनका वेतन बंद करने का भी आदेश दिया है। केके पाठक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान ये आदेश दिया।
इसके बाद FIR के लिए मुजफ्फरपुर नगर थाना प्रभारी को पत्र लिखा गया है। DPO स्थापना ने नगर थाने को स्कूल के नाम और पते के साथ 20 टीचर्स की लिस्ट सौंपी है।
यह है मामला
दरअसल बिहार के शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव केके पाठक ने किसी भी संगठन या संघ के बैनर तले धरना और प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
बावजूद इसके इन 20 शिक्षकों पर आदेश की अवहेलना कर संगठन के बैनर तले धरना-प्रदर्शन करने का आरोप है।
बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों से पहले DPO ने स्पष्टीकरण मांगा था और कहा था कि धरना-प्रदर्शन पर रोक के बावजूद संगठन के बैनर तले प्रदर्शन किया गया और लाठियां बांटी गई।
कहा गया कि केके पाठक द्वारा शिक्षकों को किसी संगठन या संस्था के बैनर तले धरना-प्रदर्शन पर पहले भी रोक लगायी है।
इसके बावजूद भी 10 मार्च को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर शिक्षकों के बीच लाठी बांटी गयी थी। इसके बाद शिक्षकों से 24 घंटे के अंदर शोकॉज मांगा गया था।
इन शिक्षकों पर हुआ केस
बंशीधर ब्रजवासी, लखनलाल निषाद, जीतन सहनी, हरिनाथ साह, शंकर कुमार, सुधांशु कुमार, मुर्तजा, समरेन्द्र कुमार, नाजिर असरार, ललिता कुमारी, देवेन्द्र राम, रफी अहम, श्याम कुमार, अरविंद कुमार, ओमप्रकाश, मेराजुल हक साबरी, राम सहाय, सुनील कुमार, मदन सहनी, महावीर प्रसाद के नाम शामिल है।
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