रांची: राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत झारखंड में स्टेट टीबी फोरम की बैठक 21 नवंबर 2024 को बीएनआर चाणक्य होटल, रांची में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने की।
श्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि टीबी फोरम का उद्देश्य विभिन्न विभागों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर मुफ्त जांच, उपचार, नि-क्षय पोषण योजना, टीबी मुक्त पंचायत जैसी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना है।
साथ ही, अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से टीबी मरीजों को जोड़ना और जागरूकता बढ़ाना कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है।

टीबी फोरम का विस्तार जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर तक किया जाएगा। इसके तहत टीबी चैंपियंस को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा, जो पहले टीबी से ठीक हो चुके हैं। ये चैंपियंस टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने में मदद करेंगे।
बेहतर सुविधाओं पर जोर:
सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक्स-रे जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को नि-क्षय मित्र बनकर मरीजों को पोषण सहायता प्रदान करने का आग्रह किया गया।
टीबी मुक्त झारखंड के लिए रणनीति:
- राज्य में टीबी से प्रभावित क्षेत्रों का मैपिंग कर विशेष रणनीतियां बनाई जाएंगी।
- जागरूकता बढ़ाने के लिए टीबी मुक्त झारखंड रैली का आयोजन होगा।
- अच्छा काम करने वाले टीबी चैंपियंस, नि-क्षय मित्र और एनजीओ को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक श्री अबु ईमरान ने जांच दर बढ़ाने और अन्य राज्यों में किए जा रहे सफल कार्यों को झारखंड में लागू करने की बात कही।
स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख डॉ. सी.के. शाही ने टीबी के बचाव और उपचार के उपाय बताए। राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. कमलेश कुमार ने कार्यक्रम की प्रगति रिपोर्ट पेश की और धनबाद, रांची तथा इटकी स्थित Culture DST Lab और IRL Lab के संचालन पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र सोरेन, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि, पिरामल स्वास्थ्य, जपाइगो, केएचपीटी, टीबी चैंपियंस जैसे एनजीओ और ग्रामीण विकास विभाग, सीसीएल, बीसीसीएल, जिंदल जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस बैठक में राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के लिए नई योजनाओं और रणनीतियों पर सहमति बनी, जो झारखंड को टीबी मुक्त बनाने में मदद करेंगी।
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