नई दिल्ली, एजेंसियां। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को 2024-25 का आम बजट पेश किया। सरकार इस बजट को भविष्य का बजट बता रही है, जिसका लक्ष्य 2047 तक भारत को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है, जब देश अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा।
इस खबर में हम इस बजट की गहराई से पड़ताल करेंगे। जानेंगे कि किस विभाग को कितना बजट आवंटित किया गया है, किन विभागों में बजट बढ़ाया गया है, और किन विभागों में कटौती की गई है। आइए, शुरू करते हैं!
केन्द्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 में 48 लाख 20 हजार 512 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस राशि का सबसे बड़ा हिस्सा, कुल 11 लाख 62 हजार 940 करोड़ रुपये, तो केवल ब्याज भुगतान में ही चला जाएगा।
दरअसल सरकार पर लाखों करोड़ों रुपये का कर्ज है, जो सरकार ने विभिन्न संस्थाओं और बैंकों से देश में विकास कार्यों के लिये लिया है। कर्जदारों में आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाएं और आरबीआई और कई निजी बैंक शामिल हैं।
ब्याज भुगतान के बाद सरकार सबसे अधिक रुपया देश के रक्षा मंत्रालय पर खर्च करेगी। वर्ष 2024-25 के लिये सरकार ने रक्षा मंत्रालय के लिये कुल 6.22 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया है।
वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने रक्षा मंत्रालय के लिये 5.93 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया था, यानी एक साल में 4.89 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
दूसरे नंबर पर है सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, जिसे 2024-25 के लिए 2.78 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। पिछले वर्ष के 2.70 लाख करोड़ रुपये की तुलना में इसमें 2.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
तीसरे स्थान पर है रेल मंत्रालय, जिसके लिए 2.55 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले वर्ष 2.41 लाख करोड़ रुपये की तुलना में यह बजट 5.81 प्रतिशत अधिक है। इस बजट का बड़ा हिस्सा रेल नेटवर्क के विस्तार, आधुनिकीकरण और सुरक्षा उपायों पर खर्च होगा।
चौथे नंबर पर है उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, जिसे 2.30 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पिछले वर्ष 2.05 लाख करोड़ रुपये की तुलना में यह 12.2 प्रतिशत की वृद्धि है।
यह बजट उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा, खाद्य सुरक्षा और वितरण प्रणाली को सुधारने के लिए विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया जाएगा।
पांचवें नंबर पर है गृह मंत्रालय, जिसके लिए 2.19 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। पिछले वर्ष 1.96 लाख करोड़ रुपये की तुलना में इसमें 11.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इस बजट का उपयोग आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और आपदा प्रबंधन के लिए किया जाएगा।
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