बोधगया, एजेंसियां। दुनिया भर के बौद्ध धर्मावलंबी अखिल भारतीय बौद्ध मंच (एआईबीएफ) के नेतृत्व में बौद्ध धर्म के केंद्र बोधगया में विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं, जहां गौतम बुद्ध ने अपना ज्ञान प्राप्त किया था। बीते महीने 12 फरवरी से बिहार के इस धार्मिक नगर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल चल रही है।
यहां डॉक्टर, तीर्थयात्री और पर्यटक आते-जाते रहे, लेकिन बौद्ध भिक्षु, भिक्षुणियों का अपने अधिकारों को लेकर ये प्रदर्शन महाबोधि महाविहार के गेट के बाहर चुपचाप जारी रहा। हाल ही में बिहार पुलिस ने आधी रात को 25 भिक्षुओं को हिरासत में लिया, जिनमें से अधिकांश उपवास कर रहे थे। इसके परिणामस्वरूप अब विरोध स्थल को महाबोधि महाविहार से दो किलोमीटर आगे दोमुहान रोड पर स्थानांतरित करना पड़ा, जो पटना को राजमार्ग से जोड़ता है।
इसे लेकर दुनिया भर में व्यापक आक्रोश देखने को मिल रहा है, क्योंकि यह घटनाक्रम अचानक से लोगों के सामने आया. इससे पहले प्रदर्शनकारी बौद्ध भिक्षुओं की उच्च पदस्थ अधिकारियों से बातचीत चर्चा हो रही थी, जिससे प्रदर्शनकारियों को उम्मीद थी कि शायद सब कुछ सही दिशा में जा रहा है। इस संबंध में एआईबीएफ के महासचिव आकाश लामा ने कहा कि हमें अपने प्रदर्शन का 17वां दिन मेडिकल कॉलेज में बिताना पड़ा।
वहीं, एआईबीएफ के अध्यक्ष जंबू लामा ने कहा कि हम वास्तव में शांतिप्रिय लोग हैं, लेकिन अब हमें सड़कों पर उतरकर यह धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मालूम हो कि महाबोधि महावीर परिसर, जिसके बाहर भिक्षु और भिक्षुणियां विरोध कर रहे हैं, वहां बोधि वृक्ष है. यह न केवल एक ऐतिहासिक या धार्मिक स्मारक है, बल्कि बौद्धों के लिए सबसे पूजनीय स्थल भी है ।
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