Boycott Turkey:
बुरे वक्त में भारत ने तुर्की की मदद की थी, लेकिन अब यही तुर्की भारत के दुश्मन का दोस्त बन गया है और उसे हथियार की सप्लाई कर रहा है। इससे तुर्की का पाकिस्तान प्रेम खुलकर सामने आ गया है। सीजफायर के बाद पाकिस्तान के इस दोस्त के खिलाफ भारत में विरोध शुरू हो गया है और बॉयकॉट तुर्की मुहिम जोर पकड़ने लगी है। इसके साथ ही भारत सरकार ने तुर्की की सेलेबी एविशन की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया है, जो कई भारतीय हवाई अड्डों पर महत्वपूर्ण सुरक्षा कार्यों के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा भारत और तुर्की के बीच व्यापार में पिछले कुल साल में तेजी आई है।
Boycott Turkey:
2022-23 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 13.8 बिलियन डॉलर को पार कर गया था। वहीं पिछले साल करीब 275,000 भारतीय पर्यटक तुर्की गए। इस दौरान उनका औसतन खर्च 1.2 लाख रुपये रहा। तुर्की की हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के लिए भारतीय पर्यटक बहुत अहम है। शादी के लिए भी तुर्की भारतीयों के बीच फेवरेट डेस्टिनेशन बनकर उभरा है। अब इसे भी बॉयकाट किया जा रहा है जिसका असर आने वाले समय में दिखेगा। वहीं अब बात अजरबैजान की, इस देश ने भी पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया था। ये भी टूरिज्म और कच्चे तेल के निर्यात के लिए जाना जाता है। देश भर के व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने तुर्की और अजरबैजान की यात्रा का पूरी तरह से बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
Boycott Turkey:
यही नहीं जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू), जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआइ) और छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर ने तुर्की के विश्वविद्यालयों के साथ किए गये कई अकादमिक समझौतों को निलंबित कर दिया है। भारत के लोगों के तुर्की और अजरबैजान के बहिष्कार से दोनों देशों पर आर्थिक से लेकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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