10 साल की सजा बरकरार, ट्रायल कोर्ट ने भी दोषी माना था
मुंबई, एजेंसियां। बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा कि 18 साल की कम उम्र की पत्नी के साथ शारीरक संबंध को रेप माना जाएगा। व्यक्ति के खिलाफ रेप का मामला भी दर्ज किया जा सकता है।
कोर्ट ने नाबालिग पत्नी के साथ रेप के आरोपी एक व्यक्ति की 10 साल की सजा को बरकरार रखा। अदालत ने कहा नाबालिग पत्नी के साथ सहमति से शारीरिक संबंध भी कानून के तहत बलात्कार ही माना जाएगा।
अपीलकर्ता को 2019 में ट्रायल कोर्ट ने POCSO एक्ट के तहत दोषी ठहराया था। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में अपील की थी।
कोर्ट बोला- नाबालिग से सेक्स करना रेपः
जस्टिस गोविंद सनप की बेंच ने पत्नी के साथ रेप के लिए एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखते हुए उसकी दलील को खारिज कर दिया। दोषी का तर्क था कि पीड़ित के साथ यौन संबंध सहमति से बनाए थे। उस समय वह उसकी पत्नी थी। ऐसे में इसे रेप नहीं कहा जा सकता।
लाइव लॉ के मुताबिक, 12 नवंबर को जारी आदेश में जस्टिस सनप ने कहा, निर्धारित कानून के मद्देनजर यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती कि अपीलकर्ता का पीड़ित पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना रेप या सेक्शुअल वायलेंस नहीं माना जाएगा। यह बताना जरूरी है कि 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ सेक्स करना रेप है, फिर चाहे वह शादीशुदा हो या नहीं।
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