रांची, एजेंसियां: बहरागोड़ा क्षेत्र के पूर्व विधायक और भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने धूम्रपान को लेकर अपने जीवन के अनुभवों को सोशल मीडिया एक्स पर शेयर किया है। उन्होंने अपने उदाहरण के जरिए बताया है कि धूम्रपान कैसे सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने लिखा है, कॉलेज के दिनों में जब पहली बार सिगरेट ट्राई की तो गज़ब की किक मिली थी। अब वह बॉलीवुड का प्रभाव था या हॉलीवुड का प्रभाव था या एक स्टाईल स्टेटमेंट या पीयर प्रेशर ये पता नहीं।
अपने मित्र मंडली में कई साथियों को धूम्रपान की लत लगे हुए देखा तो साथ हो लिया और पता ही नहीं चला कि कब सिगरेट मेरी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन गई।
लगभग 11 सालों तक तक प्रतिदिन रात तक दो से ज़्यादा सिगरेट के पैकेट ( 20 वाले) ख़त्म हो जाते थे। कॉलेज के दिनों में आर्थिक तंगी के कारण ज़्यादा महंगे ब्रैंड्स की सिगरेट नहीं पी पाता था। पहले देश में और फिर विदेश में नौकरी शुरू की तब ज्यादा पैसों की वजह से अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की आदत लगी।
एक अजीब सा हाई मिलता था। विदेशों के दौरों के क्रम में एयरपोर्ट से निकलकर या मीटिंग के बीच में ब्रेक का मतलब होता था लाल रंग की रेगुलर मार्लबोरो के पैक से सिगरेट जलाना। अपने दोस्तों के बीच शेयर करने में भी अजीब से स्टेटस सिंबल की अनुभूति होती थी।
उस समय जब जिम में जाता था तो 7.5 किमी प्रतिघंटा की रफ़्तार से 25 मिनट तक ट्रेडमिल पर भागने में लगता था कि फेफड़े बाहर आ जाएंगे।
आज धूम्रपान छोडे़ हुए 14 साल हो चुके हैं। उम्र चौदह साल बढ़ चुकी है लेकिन आज मैं ट्रेडमिल पर 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से आधे घंटे तक आराम से भागता हूं। स्किन पहले से बेहतर दिखती है। नींद अच्छी आती है। खाना ज्यादा आसानी से पचता है।
ये फर्क है एक स्मोकर और नॉन स्मोकर के जीवन में।
धूम्रपान हमें हर तरह से ख़त्म करता है। किसी के लिए प्रक्रिया लंबी होती किसी के लिए छोटी, लेकिन नुक़सान सबका होता है। धूम्रपान से बचें।
जीवन में स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं। अपना ख़याल रखें ताकि आप दूसरों का ख़याल रख सकें।
धूम्रपान निषेध दिवस पर आइए हम संकल्प लें कि हम सब धूम्रपान ही नहीं किसी भी प्रकार के नशे से अपने को, अपने परिवार को और अपने दोस्तों को दूर रखेंगे।
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