Bihar Elections 2025:
पटना, एजेंसियां। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपना पूरा फोकस अब उन 36 सीटों पर लगाया है, जहां वह 2020 के चुनाव में हार गई थी। पार्टी ने इसे “मिशन रिकवरी प्लान” नाम दिया है, जिसके तहत शाहाबाद और मगध क्षेत्र को विशेष रूप से टारगेट किया गया है।
BJP की रणनीति:
2020 में भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा और 74 पर जीत हासिल की थी। इस बार पार्टी ने हारी हुई 36 सीटों को दो चरणों में बांटकर अलग-अलग रणनीति बनाई है।
शाहाबाद-मगध पर खास निगाह:
भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती शाहाबाद और मगध क्षेत्र में है, जहां 2020 में पार्टी का लगभग “संपूर्ण सफाया” हो गया था। औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर और बक्सर में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी। 2015 में जहां कैमूर की चारों सीटें BJP के पास थीं, वहीं 2020 में वहां पूरी हार झेलनी पड़ी।
पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा का नया समीकरण:
इन क्षेत्रों में सामाजिक समीकरण साधने के लिए भाजपा ने “लोकप्रिय चेहरों” पर दांव लगाया है। भोजपुरी स्टार पवन सिंह को एक बार फिर प्रचार में उतारा जा रहा है। वहीं, RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के साथ गठजोड़ को मजबूत किया जा रहा है। हाल ही में भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने दिल्ली में दोनों नेताओं की मुलाकात कराई, जिसे राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।
हर जिले के लिए ‘माइक्रो प्लान’:
BJP संगठन ने हर हारी सीट के लिए अलग ‘माइक्रो प्लान’ बनाया है जिसमें पुराने उम्मीदवारों का मूल्यांकन, जातिगत समीकरणों की समीक्षा और सहयोगी दलों के साथ तालमेल शामिल है। हालांकि NDA में सीट बंटवारा अभी तय नहीं हुआ है, पर भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि हर क्षेत्र में संगठन पूरी ताकत से उतरेगा, चाहे सीट उसे मिले या नहीं।
भाजपा रणनीतिकारों के अनुसार:
भाजपा रणनीतिकारों का मानना है कि 2020 में कुछ सीटें पार्टी ने हारी नहीं थीं, बल्कि सीट-शेयरिंग के कारण छोड़ी थीं। इस बार उन इलाकों पर भी विशेष फोकस रहेगा, जहां संगठन मजबूत है।
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