Assembly elections:
लखनऊ, एजेंसियां। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने उम्मीदवारों के चयन पर विचार शुरू कर दिया है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने हाल ही में इस विषय पर बयान दिया और बताया कि उम्मीदवारों का चयन किस आधार पर किया जाएगा।
आंतरिक सर्वेक्षण और कार्यकर्ताओं की राय
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी में उम्मीदवारों का चयन एक प्रक्रिया के तहत किया जाता है, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता के बीच निरंतर संवाद और रायशुमारी का अहम योगदान होता है। उन्होंने बताया कि टिकट के लिए केंद्रीय चुनाव समिति के पास एक पैनल भेजा जाता है, जिस पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।
विधायकों की छवि और क्षेत्रीय समीकरण
चौधरी ने स्पष्ट किया कि पार्टी आंतरिक सर्वेक्षण के माध्यम से उम्मीदवारों का मूल्यांकन करेगी, जिसमें विधायकों की कार्यशैली, उनके विकास कार्यों, और क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता का आंकलन किया जाएगा। इसके अलावा, जातीय समीकरण और विपक्षी दलों की ताकत को भी ध्यान में रखा जाएगा।
गुप्त रूप से एजेंसी का सहयोग
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस काम के लिए एक प्रोफेशनल एजेंसी की मदद ले रही है, जो गुप्त रूप से विधायकों की छवि और उनके कामकाजी क्षेत्र का मूल्यांकन करेगी। इसके साथ ही पार्टी उन सीटों पर विपक्षी दलों की स्थिति और संभावनाओं को भी परखने की योजना बना रही है। चौधरी के बयान के अनुसार, बीजेपी की पूरी तैयारी 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही है, और तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए पार्टी ने अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है। यूपी में भा.ज.पा. अपनी हैट्रिक बनाने के लिए पूरी तरह से जुटी हुई है।
क्या है चुनावी रणनीति?
भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी उम्मीदवारों को लेकर कोई निर्णय नहीं ले रही है, लेकिन चुनावी प्रक्रिया में कार्यकर्ताओं और जनता का महत्व रहेगा। पार्टी पहले से ही चुनावी सर्वेक्षण के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करेगी, जो कि जनता के दिलों में जगह बनाने वाले और अपने इलाके में सक्रिय होंगे। इससे साफ है कि बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी आंतरिक रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन करेगी, ताकि पार्टी का विजय पथ और मजबूत हो सके।
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