भुवनेश्वर, एजेंसियां : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) को 2018-19 से 2023-24 (सितंबर तक) पिछले छह वर्षों में चुनावी बॉण्ड के माध्यम से 944.5 करोड़ रुपये मिले हैं।
बीजद द्वारा निर्वाचन आयोग को सौंपे गए आंकड़ों से चंदे के विवरण का खुलासा हुआ है। ये आंकड़े अब निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
आंकड़ों के अनुसार शुरुआती तीन वर्ष में पार्टी को 2018-19 में 213.5 करोड़ रुपये, 2019-20 में 50.5 करोड़ रुपये और 2020-21 में 67 करोड़ रुपये मिले।
इसके बाद, इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई और अगले तीन वर्षों में 613 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई।इनके अनुसार सबसे अधिक राशि 2021-22 में दर्ज की गई, जो 291 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इसके बाद यह आंकड़ा 2023-24 (सितंबर तक) में 170.50 करोड़ रुपये और 2022-23 में 152 करोड़ रुपये रहा।
इस बीच, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) ने इन चंदे के स्रोतों के बारे में चिंता जताई है। ओपीसीसी ने बीजद से पिछले छह वर्षों में चुनावी बॉण्ड के माध्यम से इतने बड़े चंदे के कारणों का खुलासा करने का आग्रह किया है।
ओडिशा के लिए पार्टी की मीडिया समन्वयक बबीता शर्मा ने कहा, ‘‘2018-19 से 2023-24 तक छह साल की अवधि के भीतर चुनावी बॉण्ड के माध्यम से राज्य में कंपनियों के निवेश करने से नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद पार्टी भारत की सबसे अमीर क्षेत्रीय पार्टी बन गई है।’’
उन्होंने दावा किया कि चुनावी बॉण्ड के माध्यम से चंदा देने वाले प्रमुख कॉरपोरेट घरानों में आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग है जिसने 174.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया, उत्कल एल्यूमिना (70 करोड़ रुपये), ग्रासिम इंडस्ट्रीज (10 करोड़ रुपये), जेएसपीएल (100 करोड़ रुपये), रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड (50 करोड़ रुपये), जिंदल स्टील (30 करोड़ रुपये), और रश्मी ग्रुप (90 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा कई कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ आयकर (आईटी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।’’
पार्टी की राज्य प्रवक्ता रजनी मोहंती ने पूछा, ‘‘इन खदान मालिकों और इस्पात उद्योगों ने बीजद को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से भारी मात्रा में भुगतान क्यों किया? बदले में खदान मालिकों और औद्योगिक घराने को क्या लाभ मिला? बीजद को इस संबंध में ओडिशा के लोगों के समक्ष स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।’’
बीजद ने हालांकि चुनावी बॉण्ड के माध्यम से प्राप्त चंदे पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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