NITI Aayog:
पटना, एजेंसियां। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन खास बात ये है कि इसे लेकर एनडीए हो या महागठबंधन, दोनों ओर अनिश्चितता का माहौल है। महागठबंधन में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच छोटे भाई -बड़े भाई की भूमिका को लेकर रार है तो एनडीए में भी कुछ ऐसा ही हाल है। लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान कुछ खिंचे- खिंचे चल रहे हैं तो जनता दल यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। उधर अब तो लालू के कुनबे में ही दरार पड़ गई है क्योंकि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को घर और पार्टी से निकाल दिया है।
NITI Aayog:दिल्ली में रहते हुए बैठक में नहीं गये नीतीश
एनडीए को लेकर भी कयासों का दौर जारी है, ख़ासकर तबसे, जब नीतीश कुमार ने दिल्ली में रहते हुए भी नीति आयोग की मीटिंग में शिरकत नहीं की और पीएम नरेंद्र मोदी से अलग मुलाकात के बाद वह पटना लौट गए। नीतीश कुमार की राजनीति को देखते हुए कोई भी निश्चित तौर पर नहीं कह सकता है कि उनका अगला कदम क्या होगा। 2013 से अब तक वह कई बार पलटी मार चुके हैं। हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से नीतीश बार-बार कहते रहे हैं कि अब वह कहीं नहीं जाएंगे। नीति आयोग की बैठक में उनके शामिल नहीं होने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। यह भी दिलचस्प है कि नीतीश एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे। पीएम मोदी से ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी मुलाकात मधुबनी में हुई थी।
NITI Aayog: विपक्षी दल हुए हमलवार
नीतीश के नीति आयोग के बैठक से गायब रहने पर विपक्षी दल हमलावर हैं। एक कयास यह भी है कि नीतीश कुमार अब एनडीए के साथ चुनाव लड़ने की तैयारियों में व्यस्त हैं। यही वजह है कि नीति आयोग की बैठक छोड़ उन्होंने पूरे उत्साह के साथ एनडीए सीएम की बैठक में हिस्सा लिया। इतना ही नहीं वह चिराग पासवान के पुराने बयानों और विवाद को भूलकर उनके साथ भी बेहतर संबंध बनाकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं।
नीतीश का जैसा रिकॉर्ड अब तक रहा है उसमें निश्चित तौर पर उनके करीबी भी नहीं समझ सकते कि उनका अगला कदम क्या होगा। फिलहाल तो वह पीएम मोदी और बीजेपी के साथ कंफर्टेबल ही नजर आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि नीतीश फिलहाल बीजेपी की तरफ से पूरी तरह से निश्चिंत हो गए हैं। इंडिया गठबंधन में उनकी वापसी विधानसभा चुनाव से पहले नहीं होने वाली है। अब उनका पूरा फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर ही है।
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