CBI ने तालाब से ढूंढ निकाले फोन
पटना, एजेंसियां। NEET पेपर लीक मामले का फरार आरोपी अविनाश उर्फ बंटी बुधवार को धनबाद से गिरफ्तार किया गया। उसकी गिरफ्तारी CBI ने की।
बंटी ने ही झारखंड में सेट किए गए अभ्यर्थियों को 16 मोबाइल से NEET UG परीक्षा के दिन, यानी 5 मई को पेपर और आंसर भेजे थे।
मोबाइल तालाब में फेंक दिये थेः
सबूत मिटाने के लिए उसने सभी मोबाइल तालाब में फेंक दिए थे। CBI ने तालाब से सभी मोबाइल बरामद कर लिए हैं। साथ ही बंटी के ठिकाने से ब्लूटूथ, प्रिंटर और अन्य डिवाइस भी बरामद किए।
CBI ने उसे पटना सिविल कोर्ट स्थित CBI की अदालत में पेश किया। कोर्ट ने उसे 30 जुलाई तक के लिए CBI को रिमांड पर सौंप दिया।
चचेरे भाई ने बंटी को पकड़वायाः
CBI को अविनाश उर्फ बंटी की तलाश लगभग 20 दिनों से थी, लेकिन बंटी के अंडरग्राउंड हो जाने के कारण एजेंसी उस तक पहुंच नहीं पा रही थी। CBI की गिरफ्त में आए बंटी के चचेरे भाई शशिकांत की निशानदेही पर उसकी गिरफ्तारी हुई।
इससे पहले धनबाद से एक और आरोपी अमन आनंद भी गिरफ्तार हुआ था। बंटी प्रश्न पत्र चोरी कराने और उनको अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का मुख्य आरोपी है।
गंगा में फेंका मोबाइलः
हजारीबाग से प्रश्नपत्र लीक होने के बाद मेडिकल स्टूडेंट से पेपर सॉल्व कराया गया। पटना में इस मामले में आरोपी चिंटू और पिंटू ने अभ्यर्थियों को 4 मई की रात से ही रामकृष्णानगर स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में बुलाकर रखा था।
5 मई को करीब 9 बजे प्रश्नपत्र और आंसर आया। चिंटू-पिंटू ने इन अभ्यर्थियों को पेपर और आंसर देकर रटवाया। उसके बाद चिंटू ने गंगा पथ पहुंचने के बाद गंगा में मोबाइल, प्रिंटर आदि को फेंक दिया, जिसे अब तक बरामद नहीं किया जा सका।
बंटी करता था ये कामः
बंटी NEET पेपर लीक मामले के पहले से अपने चचेरे भाई शशिकांत पासवान के जरिए रॉकी और पंकज को पहले से जानता था। बंटी शुरू से NEET पेपर लीक मामले से जुड़ा रहा।
अभ्यर्थी खोजना, उनसे पैसे का लेनदेन करने से लेकर पेपर चोरी करने और उसे अभ्यर्थियों तक पहुंचाना, इन सब में बंटी सीधे-सीधे जुड़ा रहा।
बंटी का नाम CBI को सब से पहले रॉकी ने ही बताया था। बंटी की निशानदेही के बाद बरामद मोबाइल से CBI को अहम सुराग हाथ लगने की संभावना है।
टीम फिर से रॉकी को रिमांड पर लेकर रॉकी, शशिकांत और बंटी से आमने सामने बिठाकर पूछताछ करेगी।
अभी 7 मेडिकल छात्र CBI की गिरफ्त में:
इस मामले में अभी पटना AIIMS के चार मेडिकल स्टूडेंट चंदन सिंह, कुमार शानू, राहुल आनंद, करम जैन, रांची RIIMS की सुरभि कुमारी और भरतपुर मेडिकल कॉलेज के कुमार मंगलम और दीपेंद्र शर्मा CBI की गिरफ्त में आ चुके हैं।
इन्हीं सात स्टूडेंट्स ने NEET के पेपर को सॉल्व किया। दो ने फिजिक्स, दो ने केमिस्ट्री और तीन ने बायोलॉजी के प्रश्न पत्र सॉल्व किए थे। इन सभी छात्रों को सुरेंद्र ने रांची ले जाने की व्यवस्था की थी।
सुरेंद्र बीच की कड़ीः
सुरेंद्र परीक्षा माफिया और मेडिकल स्टूडेंट के बीच की कड़ी है। सुरेंद्र भी गिरफ्तार हो चुका है। CBI ने पटना AIIMS से जो 27 अटेंडेंस रजिस्टर जब्त किए हैं, उनका एनालिसिस कर रही है। CBI देख रही है कि 5 मई से पहले और बाद में कौन-कौन छात्र कॉलेज से गायब थे।
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