Bhujbal angry on Maratha reservation :
मुंबई, एजेंसियां। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई है। राज्य सरकार में मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने बुधवार को कैबिनेट बैठक बीच में ही छोड़ दी। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने का फैसला भुजबल को नागवार गुज़रा।
सरकार ने मंगलवार देर रात हैदराबाद गजट के आधार पर आदेश जारी किया, जिसके मुताबिक जिन मराठा परिवारों के पास संबंधित दस्तावेज होंगे उन्हें कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया जाएगा। कुनबी दर्जा मिलने से वे ओबीसी आरक्षण का लाभ ले सकेंगे। यह फैसला मराठा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे की प्रमुख मांगों में से एक था। सरकार की ओर से समिति का गठन भी कर दिया गया है। इसके बाद जरांगे ने अपना अनशन समाप्त कर दिया और इसे अपनी बड़ी जीत बताया।
इस फैसले से भुजबल नाराज
Bhujbal angry on Maratha reservation :
लेकिन इस फैसले से भुजबल नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने बांद्रा स्थित अपने कार्यालय में ओबीसी नेताओं की आपात बैठक बुला ली है। भुजबल लंबे समय से इस बात का विरोध करते रहे हैं कि ओबीसी आरक्षण में मराठाओं को जगह दी जाए। कैबिनेट बैठक से बाहर आने से एक दिन पहले ही भुजबल ने कहा था कि वह सरकार के प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं और कानूनी विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं। उनके मुताबिक, इस विषय पर विस्तृत अध्ययन के बाद ही वह अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में दिया बयान
Bhujbal angry on Maratha reservation :
इधर, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में बयान देते हुए कहा कि सरकार ने मराठा समुदाय के हित में रास्ता निकाल लिया है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद गजटियर लागू करने की मांग को सरकार ने मान लिया है, लेकिन यह आरक्षण सामूहिक रूप से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत आधार पर ही लागू होगा, जिसके लिए दस्तावेजी सबूत जरूरी हैं।
इसे भी पढ़ें