रांची। झारखंड में गर्मी से परेशान लोग मानसून का इंतजार कर रहे हैं। परंतु बारिश में हो रही देर चिंता का विषय बन गई है।
बताया जा रहा है कि मानसून का बंगाल शाखा कमजोर पड़ गया है। इस कारण बंगाल और झारखंड में 32% तक बारिश कम हो सकती है।
मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा इस बार लगातार दूसरे साल कमजोर है। जिस कारण झारखंड में बारिश की भारी कमी आ सकती है। नतीजतन लोग प्रचंड ताप झेल रहे हैं।
2021 से ही कम बारिश हो रही झारखंड में
झारखंड में 2021 के बाद से ही बारिश कम हो रही है। झारखंड में पिछले दस साल में बारिश वाले दिनों की संख्या में औसतन तीन से पांच दिन की कमी आई है।
झारखंड में मानसून की अवधि एक जून से 30 सितंबर होती है। बीते 10 साल में झारखंड में मानसून प्रवेश की तिथि 12 से 25 जून रही है।
केवल 2016 और 2021 में सामान्य बारिश हुई। लेकिन, 2021 के बाद बारिश के औसत में कमी आई है।
देश में जून से लेकर अक्टूबर तक मानसून की बारिश
देश में जून से लेकर अक्टूबर तक मानसून की बारिश होती है। इसे दक्षिण पश्चिमी मानसूनी बारिश के रूप में जाना जाता है।
भारत में मानसून की दो शाखाएं बारिश के लिए उत्तरदायी होती हैं। एक शाखा अरब सागर से भारत की भौगोलिक सीमाओं में प्रवेश करती है वहीं दूसरी शाखा बंगाल की खाड़ी से बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में फैलती है।
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